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स्पोर्ट्स डेस्क : भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच कोलकाता में खेले जा रहे पहले टेस्ट मैच से ठीक पहले टीम प्रबंधन ने बल्लेबाज साई सुदर्शन को अंतिम एकादश से बाहर कर दिया। इस फैसले ने पूर्व भारतीय क्रिकेटर डोड्डा गणेश की कड़ी प्रतिक्रिया को जन्म दिया। उन्होंने नंबर-3 जैसे महत्वपूर्ण स्थान पर लगातार बदलावों को टीम की “बिना सोच-समझ की रणनीति” बताया। 2023 में चेतेश्वर पुजारा को हटाने के बाद से भारत इस जगह पर कई खिलाड़ियों को आजमा चुका है, लेकिन स्थिरता अब भी दूर है। गणेश ने चार स्पिनरों को खिलाने की रणनीति पर भी सवाल उठाए। 

नंबर-3 के लिए वाशिंगटन सुंदर का चयन, सुदर्शन को बाहर 

भारत ने पहले टेस्ट के लिए नंबर-3 बल्लेबाज के रूप में साई सुदर्शन की जगह वाशिंगटन सुंदर को मौका दिया है। सुदर्शन ने अब तक पाँच टेस्ट खेले हैं और नौ पारियों में दो अर्धशतकों के साथ 273 रन बनाए हैं। दक्षिण अफ्रीका ए के खिलाफ हाल में खेले गए दो अनौपचारिक टेस्ट में भी उन्होंने 32, 12, 17 और 23 रन की पारियां खेली थीं। उनके प्रदर्शन को ध्यान में रखते हुए कई विशेषज्ञों का मानना था कि उन्हें एक और मौका मिलना चाहिए था। लेकिन टीम प्रबंधन ने अचानक बदलाव करते हुए सुंदर पर भरोसा जताया, जिससे विवाद खड़ा हो गया। 

“नंबर-3 पर बिना विजन म्यूजिकल चेयर खेल रहे हैं”

पूर्व भारतीय तेज गेंदबाज डोड्डा गणेश ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर टीम प्रबंधन के इस फैसले की जमकर आलोचना की। उन्होंने लिखा, “नंबर-3 टेस्ट टीम में सबसे अहम जगह है। लेकिन भारत बिना किसी विजन के लगातार खिलाड़ियों को बदल रहा है। विश्वास नहीं हो रहा कि टेस्ट स्तर पर ऐसा हो रहा है। साई सुदर्शन को यह टेस्ट खेलना चाहिए था।” गणेश के अनुसार इस स्थान पर भारत की निरंतरता की कमी विदेशी परिस्थितियों में टीम की बल्लेबाज़ी को कमजोर बनाती है। 

चार स्पिनर खिलाने पर भी उठाए सवाल 

भारत ने कोलकाता टेस्ट में रवींद्र जडेजा, कुलदीप यादव, अक्षर पटेल और वाशिंगटन सुंदर जैसे चार स्पिनरों के साथ उतरने का फैसला किया है। गणेश इस फैसले से भी असहमत दिखे। उनका कहना था, “पिच कितनी भी स्पिन-अनुकूल क्यों न हो, चार स्पिनर खिलाने की कोई जरूरत नहीं थी।” गणेश के अनुसार, एक अतिरिक्त विशेषज्ञ बल्लेबाज टीम को ज्यादा मजबूती देता, खासकर जब युवा खिलाड़ियों को तैयार करने की बात हो। 

पुजारा के हटने के बाद नंबर-3 की मुश्किलें जारी

2023 WTC फाइनल में हार के बाद भारत ने चेतेश्वर पुजारा को टीम से बाहर किया और उसके बाद से इस स्थान पर लगातार प्रयोग किए हैं। केएल राहुल, शुभमन गिल, देवदत्त पडिक्कल और करुण नायर जैसे बल्लेबाज़ों को आजमाया गया, लेकिन नियमित सफलता सिर्फ गिल के घरेलू प्रदर्शन में ही देखी गई। विदेशी पिचों पर यह स्लॉट अब भी भारत की सबसे बड़ी कमजोरी बना हुआ है। 
 

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