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लंदन : आर्थिक अड़चनों का सामना कर रहे इंग्लिश काउंटी क्रिकेट क्लबों को काफी मदद मिलने जा रही है चूंकि इंग्लैंड और वेल्स क्रिकेट बोर्ड 4 मशहूर आईपीएल टीमों के निवेश की मदद से ‘द हंड्रेड' लीग की आठ टीमों में हिस्सेदारी बेचकर 975 मिलियन पाउंट जुटाने में कामयाब रहा है। इंग्लैंड और वेल्स क्रिकेट बोर्ड (ईसीबी) ने ‘द हंड्रेड' की टीमों में निजी विशेषज्ञता और निवेश को सुरक्षित करने के लिए प्रक्रिया के अंतिम चरण में 8 पक्षों के साथ विशिष्टता समझौता किया है। इसी के साथ ईसीबी भारतीय कारोबारियों से 470 मिलियन पाउंड कमाने में सफल रहा जिसे वह अपनी घरेलू क्रिकेट को संवारने पर लगा सकता है।


मुकेश अंबानी की रिलायंस इंडस्ट्रीज (मुंबई इंडियंस के मालिक), जीएमआर समूह (दिल्ली कैपिटल्स के सह मालिक), संजीव गोयनका की आरपीएसजी (लखनऊ सुपर जाइंट्स के मालिक) और सन टीवी नेटवर्क (सनराइजर्स हैदराबाद के मालिक) ने 8 टीमों में से 4 के सारी हिस्सेदारी खरीद ली है। इन सभी का कुल निवेश करीब 300 पाउंड है जो हिस्सेदारी की बिक्री के माध्यम से जुटाए गए मूल्यांकन का लगभग 30 प्रतिशत है। अन्य निवेशकों में सत्या नडेला (माइक्रोसाफ्ट), सुंदर पिचाइ (गूगल), शांतनु नारायण (एडोब) और सत्यन गजवानी (सह संस्थापक एमएलसी) के समर्थन वाली क्रिकेट इंवेस्टर होल्डिंग्स लिमिटेड शामिल है जो अब लंदन स्पिरिट्स की सह मालिक भी है।


हिस्सेदारी खरीदने के लिए इस समूह ने अधिकतम 144.5 मिलियन पाउंड खर्च किए हैं। इस 975 मिलियन पाउंड में से ईसीबी ने काउंटी, जमीनी स्तर और मनोरंजक क्रिकेट के विकास के लिए 520 मिलियन पाउंड की भारी भरकम रकम खर्च करने की योजना बनाई है। वहीं, 50 मिलियन पाउंड को जमीनी स्तर और मनोरंजक क्रिकेट के लिए निर्धारित किया गया है, 18 इंग्लिश काउंटी टीमों को 470 मिलियन पाउंड का हिस्सा मिलेगा, जिसमें उन क्लबों के लिए बड़ा हिस्सा आवंटित किया जाएगा जिनके पास ‘द हंड्रेड' में टीम नहीं है।