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नई दिल्ली : इंग्लैंड और वेल्स क्रिकेट बोर्ड (ईसीबी) के अध्यक्ष रिचर्ड थॉम्पसन सहित शीर्ष अधिकारियों ने सुझाव दिया है कि भारत के बिना चैंपियंस ट्रॉफी कराना कोई विकल्प नहीं है और अगर रोहित शर्मा की टीम मेजबान देश पाकिस्तान की यात्रा नहीं करती है तो कई अन्य विकल्प उपलब्ध हैं। दोनों देशों के बीच तनावपूर्ण संबंधों के कारण भारत ने 2008 से पाकिस्तान में क्रिकेट नहीं खेला है और उनकी यात्रा पूरी तरह से सरकार की मंजूरी पर निर्भर होती है।

भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) को सरकार से टीम को लाहौर भेजने की अनुमति मिलने की संभावना नहीं है जिससे ‘हाइब्रिड मॉडल' में चैंपियंस ट्रॉफी सबसे संभावित विकल्प लग रहा है। पिछले साल एशिया कप की तरह भारत अपने मैच किसी तीसरे देश में खेल सकता है जबकि अन्य मुकाबले पाकिस्तान में आयोजित किए जा सकते हैं। टूर्नामेंट का आयोजन फरवरी-मार्च में किया जाएगा। 

 


थॉम्पसन ईसीबी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी रिचर्ड गोल्ड के साथ पाकिस्तान में हैं। उन्होंने कहा कि भारत का चैंपियंस ट्रॉफी में नहीं खेलना क्रिकेट के हित में नहीं होगा। चैंपियंस ट्रॉफी में भारत की यात्रा पर फैसला दिसंबर में बीसीसीआई के मौजूदा सचिव जय शाह के अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) का कार्यभार संभालने से पहले लिया जा सकता है। शाह को अगस्त में आईसीसी अध्यक्ष के रूप में चुना गया था। थॉम्पसन ने कहा कि यह दिलचस्प है। बीसीसीआई के पूर्व सचिव और अब आईसीसी के अध्यक्ष जय शाह की इसमें बड़ी भूमिका होगी। इसमें भूगोलीय राजनीति और फिर क्रिकेट भू राजनीति होगी। मुझे लगता है कि वे कोई रास्ता निकाल लेंगे। उन्हें कोई रास्ता निकालना ही होगा।


ईसीबी के सीईओ गोल्ड ने कहा कि यदि आप भारत या पाकिस्तान के बिना चैंपियंस ट्रॉफी में खेलते हैं तो प्रसारण अधिकार नहीं होंगे और हमें उन्हें सुरक्षित रखने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि वह (पाकिस्तान) मेजबान देश हैं। हमने घटनाक्रमों को देखा है और हम सभी यह समझने का इंतजार कर रहे हैं कि क्या भारत इसके लिए पाकिस्तान की यात्रा करने जा रहा है। यही अहम है। गोल्ड ने कहा कि हमें लगता है कि कुछ चर्चायें हैं। मुझे पता है कि पाकिस्तान को उम्मीद है कि भारत यात्रा करेगा। अगर ऐसा नहीं होता है तो कई अलग विकल्प उपलब्ध हैं। भारत और पाकिस्तान कई टीम के टूर्नामेंट जैसे विश्व कप और एशिया कप में एक दूसरे से खेलते हैं।