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नई दिल्ली: भारत के भाला फेंक स्टार नीरज चोपड़ा ने बताया कि वे स्विट्ज़रलैंड में अपनी रिकवरी पूरी कर अगले सत्र में और बेहतर प्रदर्शन के लिए तैयार हैं। इस साल चुनौतीपूर्ण रहा, लेकिन उन्होंने इससे बहुत कुछ सीखा और अनुभव तथा आत्मविश्वास भी बढ़ाया।

हरियाणा के इस एथलीट ने इस साल दोहा में 90 मीटर की दूरी पार की, लेकिन विश्व चैम्पियनशिप में पदक नहीं जीत सके। टोक्यो ओलंपिक में स्वर्ण और पेरिस में रजत पदक जीत चुके नीरज ने कहा, “बेहतर प्रदर्शन की गुंजाइश हमेशा रहती है और यही प्रेरित करती है। अब मेरा फोकस रिकवरी और अगले सत्र में मजबूती के साथ वापसी पर है। शरीर अच्छा महसूस कर रहा है और थोड़े आराम और रिकवरी के बाद मैं बेहतर वापसी कर सकूंगा।”

नीरज ने स्विट्ज़रलैंड की खूबसूरती और प्रशिक्षण सुविधाओं की भी तारीफ की। उन्होंने बताया कि उन्हें स्विस पहाड़, हरियाली, इंटरलाकेन से बर्न्स और लुसाने तक की ट्रेन यात्राएँ बेहद पसंद हैं। उन्होंने याद किया कि 2022 में स्विट्ज़रलैंड ने उन्हें ‘दोस्ती दूत’ बनाया और जुंगफ्राउजोच के ‘आइस पैलेस’ में सम्मानित किया, जहाँ पहले टेनिस दिग्गज रोजर फेडरर और गोल्फर रोरी मैकलरॉय सम्मानित हो चुके हैं।

नीरज ने कहा, “मैंने ज्यूरिख में डायमंड लीग ट्रॉफी (2022) जीती, जो मेरे लिए खास है। मैग्लिंगन में मैंने स्विस ओलंपिक प्रशिक्षण केंद्र में अभ्यास किया और बुडापेस्ट में विश्व चैम्पियनशिप से पहले भी वहीं ट्रेनिंग की थी, जहाँ मैंने स्वर्ण पदक जीता। इसके अलावा मैंने परिवार और दोस्तों के साथ स्विट्ज़रलैंड का आनंद लिया। यह देश मुझे हमेशा याद रहेगा।”

नीरज ने यह भी स्पष्ट किया कि वे भारत से बाहर रहते हैं क्योंकि अधिकांश प्रतिस्पर्धाएँ विदेशों में होती हैं, खासकर यूरोप में। भारत में रहते हुए यात्रा और अभ्यास के साथ शेड्यूल बहुत व्यस्त हो जाता है, लेकिन स्विट्ज़रलैंड में उन्हें अभ्यास और रिकवरी दोनों के लिए सुविधा मिलती है।