स्पोर्ट्स डेस्क : भारत के बाएं हाथ के बल्लेबाज तिलक वर्मा ने कहा कि हैम्पशायर के लिए काउंटी क्रिकेट खेलने के उनके छोटे से कार्यकाल ने उन्हें ऐसे सबक सिखाए हैं जिन्हें वह 'जीवन भर साथ रखेंगे'। वर्मा का सफर शून्य पर आउट होने के साथ समाप्त हुआ, जब हैम्पशायर को वन-डे कप के ग्रुप ए में वॉर्सेस्टरशायर से 5 विकेट से हार का सामना करना पड़ा।
वर्मा ने इंस्टाग्राम पर लिखा, 'बचपन में मैंने काउंटी क्रिकेट खेलने का सपना देखा था। इस साल हैम्पशायर के साथ वह सपना साकार हुआ, यहां मेरे पहले लाल गेंद के अनुभव और एकदिवसीय मैचों ने मुझे ऐसे सबक सिखाए जो मैं जीवन भर साथ रखूंगा, न केवल एक क्रिकेटर के रूप में, बल्कि एक व्यक्ति के रूप में भी। धन्यवाद, हैम्पशायर।'
भारत के लिए दोनों सफेद गेंद प्रारूपों में 29 मैच खेल चुके हैं 22 वर्षीय वर्मा पिछले महीने चार मैचों के काउंटी चैंपियनशिप के लिए हैम्पशायर में शामिल हुए थे। उन्होंने हैम्पशायर के लिए सभी प्रारूपों में 7 मैच खेले, जिनमें 2 शतकों और दो अर्द्धशतकों की मदद से 412 रन बनाए और उनका सर्वोच्च स्कोर 112 रहा। उन्होंने अपने तीन लिस्ट ए मैचों में एक विकेट भी लिया।
हैम्पशायर ने उसी पोस्ट में यह भी कहा कि वर्मा ने क्लब को उनकी कल्पना से कहीं ज़्यादा दिया। उन्होंने कहा, 'अपने पहले लाल गेंद के शतक से लेकर हैम्पशायर की जर्सी में उन शानदार पारियों तक, उन्होंने दिखा दिया है कि वह क्रिकेट की सबसे प्रतिभाशाली खिलाड़ियों में से एक क्यों हैं। आंकड़ों से परे तिलक के व्यक्तित्व और गर्मजोशी ने यूटिलिटा बाउल में सभी को सचमुच प्रभावित किया है। उन्होंने हैम्पशायर क्रिकेट को खुले दिल से अपनाया है। इस जादू के लिए शुक्रिया, तिलक। एक बार हैम्पशायर का खिलाड़ी, हमेशा परिवार का हिस्सा।'
वर्मा 28 अगस्त से बेंगलुरु में शुरू होने वाली 2025/26 दलीप ट्रॉफी में दक्षिण क्षेत्र का नेतृत्व करेंगे। यह क्षेत्रीय टूर्नामेंट भारत में घरेलू सत्र की शुरुआत का प्रतीक होगा। लेकिन वर्मा को यदि 9 से 28 सितंबर तक संयुक्त अरब अमीरात में खेले जाने वाले पुरुष टी-20 एशिया कप के लिए भारतीय टीम में चुना जाता है तो वह प्रतियोगिता से बाहर हो सकते हैं।