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नयी दिल्ली : दिल्ली उच्च न्यायालय ने भारतीय हॉकी टीम के पूर्व कोच सोर्ड मारिन (Sjoerd Marijne) को उनकी पुस्तक के प्रकाशन पर रोक लगाने संबंधी दो खिलाड़ियों और हॉकी इंडिया की याचिका पर जवाब देने के लिए समय दे दिया है। हॉकी खिलाड़ी मनप्रीत सिंह ने उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटा कर याचिका दायर की है जिसमें उन्होंने दावा किया है कि मारिन की पुस्तक ‘विल पावर: द इनसाइड स्टोरी ऑफ द इनक्रेडिबल टर्नअराउंड इन इंडियन वुमन हॉकी’ में उनके खिलाफ अपमानजनक बातें की गई हैं।

एक अन्य खिलाड़ी गुरजीत कौर ने कहा है कि पुस्तक में उनकी बीमारी का खुलासा किया गया है। अदालत ने इससे पहले पुस्तक में कथित आपत्तिजनक सामग्री के प्रकाशन पर रोक लगाने के लिए अंतरिम आदेश पारित किया था।