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लंदन : यॉर्कशर काउंटी टीम के खिलाफ नस्लीय व्यवहार का आरोप लगाने वाले अजीम रफीक अपने परिवार को बुरे बर्ताव और धमकी से बचाने के लिए इंग्लैंड छोड़ने की तैयारी कर रहे है। इस 31 साल के खिलाड़ी के आरोपों के बाद ब्रिटेन की संसदीय समिति की जांच की थी और बड़े सुधारवादी कदम उठाए गए थे। 

'क्रिकेटर डॉट कॉम' की रिपोर्ट के मुताबिक, अपहरण के प्रयास और फिर अपने पिता के व्यावसायिक साझेदार की हत्या के बाद उनका परिवार पाकिस्तान से ब्रिटेन आ गया था। ब्रिटेन में भी उनके खिलाफ अभद्र भाषा का इस्तेमाल हो रहा है और धमकियां दी जा रही हैं। इस रिपोर्ट के मुताबिक, ‘‘रफीक को हाल के दिनों में ऑनलाइन और व्यक्तिगत दोनों तरह से धमकियां मिल रही है। इस महीने की शुरुआत में उनके माता-पिता के घर के बगीचे में एक व्यक्ति को शौच करते देखा गया। एक अन्य मामले में  एक नकाबपोश व्यक्ति उनके घर की निगरानी करते हुए देखा गया। यह दोनों मामले सीसीटीवी में रिकॉर्ड हुए है।'' 

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रफीक के पिता की तबीयत खराब है और उन्हें हर समय ऑक्सीजन सिलेंडर की जरूरत होती है। रफीक और चार अन्य लोगों को हाल ही में इंग्लैंड क्रिकेट अनुशासन आयोग ने 2011 में सोशल मीडिया पर ‘समुदाय विरोधी भाषा' के इस्तेमाल के लिए फटकार लगाई थी। रफीक ने इसमें अपनी गलती को स्वीकार करते हुए यहूदी समुदाय से माफी मांगी और कहा कि वह शर्मिंदा हैं। यॉर्कशर नस्लवाद मामले का खुलासा रफीक ने सबसे पहले सितंबर 2020 में किया था।