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नई दिल्ली : ऑस्ट्रेलिया के पूर्व दिग्गज तेज गेंदबाज ब्रेट ली (Brett Lee) ने सीमित ओवर के क्रिकेट खासकर टी20 प्रारूप में बल्लेबाजों के बढ़ते प्रभाव से निपटने के लिए तेज गेंदबाजों को अधिक यॉर्कर गेंदों का इस्तेमाल करने की सलाह देते हुए कहा कि यह सबसे कारगर हथियार साबित हो सकता है। बल्लेबाजों के बड़े शॉट खेलने की क्षमता ने टी20 क्रिकेट को पूरी तरह से बदल दिया है। ऐसा ही कुछ इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) के इस सत्र में भी दिखा जहां टीमों ने आसानी से 200 से अधिक रन बनाए हैं।

 

ली ने यहां ‘लीजेंड्स इंटरकॉन्टिनेंटल टी20 (एलआईटी-20) लीग' की घोषणा के लिए आयोजित कार्यक्रम में कहा कि खेल का झुकाव बल्लेबाजों की तरफ होने से उन्हें कोई शिकायत नहीं लेकिन इसमें गेंदबाजों के लिए कुछ होना चाहिए। उन्होंने कहा कि टी20 क्रिकेट में गेंदबाजों को अपना अहंकार घर या होटल में छोड़ कर आना चाहिए। उन्हें इस सोच के साथ आना चाहिए कि उनके खिलाफ बाउंड्री लगेंगी। यही टी20 क्रिकेट है। आपको चीजें नियंत्रित करने पर ध्यान देना चाहिए।

 

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उन्होंने कहा कि बल्लेबाजी में सुधार हो रहा है। मैं चाहता हूं कि तेज गेंदबाज अधिक यॉर्कर गेंद का इस्तेमाल करें। आखिरी ओवरों में यॉर्कर का प्रभावी इस्तेमाल होना चाहिए। अगर आप आईपीएल को भी देखे तो यॉर्कर पर आम तौर पर एक ही रन बनता है। उन्होंने यॉर्कर के प्रभावी इस्तेमाल के लिए जसप्रीत बुमराह का जिक्र करते हुए कहा कि मैं बुमराह के अलावा आज के दौर में ज्यादा गेंदबाजों को यॉर्कर डालते नहीं देखता हूं। ऑस्ट्रेलिया के लिए तीनों प्रारूपों में मिलाकर 700 से ज्यादा विकेट लेने वाले ली ने कहा कि उन्हें टी20 मैच में चौके और छक्के देखना पसंद है लेकिन यहां गेंदबाजों के लिए कुछ मदद होनी चाहिए।


इस पूर्व दिग्गज ने कहा कि मुझे छक्के और चौके लगते देखना पसंद है लेकिन गेंदबाजों के लिए भी कुछ होना चाहिए। मैं घसियाली पिच की मांग नहीं कर रहा, जहां टीम 110 रन पर आउट हो जाए लेकिन 185 से 200 रन के आसपास का स्कोर अच्छा होता है। उन्होंने कहा कि हम अब 260 और 270 रन से ज्यादा रन बनते देख रहे हैं। ऐसे में ज्यादातर गेंदबाज 4 ओवर में 40-50 से ज्यादा रन लुटा रहे हैं। अच्छी प्रतिस्पर्धा के लिए गेंदबाजों के लिए मदद होना चाहिए। इस मौके पर ली के साथ मौजूद श्रीलंका के कप्तान और आक्रामक बल्लेबाज तिलकरत्ने दिलशान ने कहा कि बाउंड्री छोटी होने से गेंदबाजों का काम और मुश्किल हो रहा है।



इस पूर्व सलामी बल्लेबाज ने कहा कि हमारे समय में 200 से कम रन भी काफी होते थे लेकिन अब 250 रन भी सुरक्षित नहीं है। मुझे भी लगता है कि गेंदबाजों के पास भी मौका होना चाहिए। उन्होंने कहा कि कई बार मैदान काफी छोटे होते हैं। बाउंड्री 65-70 यार्ड की होती है ऐसे में बल्ले का किनारा लगने के बाद भी गेंद छह रन के लिए चली जाती है। ली ने मजाकिया लहजे में कहा कि बल्लेबाजों के लिए फ्री हिट की तर्ज पर गेंदबाजों के लिए भी फ्री बॉल होना चाहिए। उन्होंने मुस्कुराते हुए कहा कि अगर बल्लेबाज लगातार 2 गेंद पर चूक जाए तो गेंदबाज को ‘फ्री बॉल' पर उसे आउट करने का मौका मिलना चाहिए।