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नई दिल्ली : भारतीय क्रिकेट बोर्ड (BCCI) के ‘सेंटर आफ एक्सीलेंस' (सीओई, पहले एनसीए–राष्ट्रीय क्रिकेट अकादमी) के स्टाफ में आने वाले कुछ महीनों में कुछ बदलाव हो सकते हैं क्योंकि खेल विज्ञान और चिकित्सा टीम के प्रमुख नितिन पटेल ने हाल ही में लगभग तीन साल के सफल कार्यकाल के बाद अपना इस्तीफा दे दिया है। 

पटेल इस पर टिप्पणी के लिए उपलब्ध नहीं थे, लेकिन बीसीसीआई के एक वरिष्ठ अधिकारी ने इस बात की पुष्टि की कि एनसीए के सबसे वरिष्ठ कर्मचारियों में से एक नितिन ने वास्तव में अपना पद छोड़ दिया है। बीसीसीआई के एक वरिष्ठ सूत्र ने गोपनीयता की शर्त पर कहा, ‘हां, नितिन ने स्पोर्ट्स साइंस और मेडिकल टीम के प्रमुख पद से इस्तीफा दे दिया है। नितिन का बीसीसीआई के साथ बहुत अच्छा कार्यकाल था। उन्होंने एनसीए में स्पोर्ट्स साइंस और मेडिकल टीम के गठन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।'

सूत्र ने कहा, ‘पिछले कुछ वर्षों में सबसे अच्छी बात यह रही कि जब भी कोई खिलाड़ी चोटिल होने पर उपचार के लिए यहां आता था तो पूरी तरह फिट होने पर ही उसे खेलने की मंजूरी मिलती थी। नितिन का परिवार विदेश में रहता है और सीओई के खेल विज्ञान और चिकित्सा प्रभाग की जिम्मेदारी संभालना साल में 365 दिन का काम है।' 

पटेल ने अपने कार्यकाल के दौरान तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह और मोहम्मद शमी, बल्लेबाज केएल राहुल और स्पिनर कुलदीप यादव जैसे प्रमुख खिलाड़ियों के रिहैबिलिटेशन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। सूत्र ने कहा कि लेवल तीन के कुछ कोच और ‘स्ट्रेंथ एंड कंडीशनिंग' से जुड़े कुछ कोच अगले कुछ महीनो में अपना पद छोड़ सकते हैं। एनसीए प्रमुख वीवीएस लक्ष्मण का कार्यकाल इस साल के अंत तक पूरा होने वाला है। उनसे हालांकि 2027 में होने वाले वनडे विश्व कप तक अपने पद पर बने रहने का अनुरोध किया जा सकता है। 

पटेल से पहले एनसीए से जुड़े कोचों में से एक साईराज बहुतुले ने भी पद छोड़ दिया था और वह राजस्थान रॉयल्स के सहयोगी स्टाफ में शामिल हो गए। यही नहीं सितांशु कोटक सीनियर पुरुष टीम स्टाफ में स्थायी रूप से शामिल हो गए हैं। भारत की अंडर 19 टीम से जुड़े एनसीए के कोच हृषिकेश कानिटकर अब भी सीओई में हैं, लेकिन यह देखना दिलचस्प होगा कि जिम्बाब्वे और नामीबिया में अगले साल की शुरुआत में होने वाले अंडर-19 विश्व कप के समाप्त होने के बाद वह अपने पद पर बने रहेंगे या नहीं। कुछ विशेषज्ञ बल्लेबाजी और गेंदबाजी कोच हैं, जो आने वाले महीनों में नए करियर की तलाश में अपना पद छोड़ सकते हैं।