ब्रिस्बेन: ऑस्ट्रेलिया में मिली लगातार दूसरी हार ने इंग्लैंड की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। ब्रिस्बेन में 8 विकेट की करारी हार के बाद कप्तान बेन स्टोक्स ने साफ शब्दों में माना कि उनकी टीम दबाव झेल नहीं पाई। उन्होंने यह भी कहा कि 'ऑस्ट्रेलिया कमजोर खिलाड़ियों की जगह नहीं है', लेकिन साथ ही यह भरोसा भी जताया कि इंग्लैंड वापसी करना अच्छी तरह जानता है। एशेज 2025-26 में 0-2 से पिछड़ने के बाद अब इंग्लैंड को सीरीज बचाने के लिए बाकी तीनों टेस्ट जीतने होंगे, जो किसी ‘हर्क्यूलियन टास्क’ से कम नहीं।
ऑस्ट्रेलिया का दमदार खेल, इंग्लैंड दबाव में ढहा
दूसरे एशेज टेस्ट में ऑस्ट्रेलिया ने चौथे दिन ही मैच खत्म करते हुए महज 10 ओवर में 65 रन का लक्ष्य हासिल कर लिया। स्टीव स्मिथ ने छक्के के साथ जीत दिलाई। इससे पहले मेज़बानों ने पहली पारी में 511 रन ठोककर 177 की भारी बढ़त बनाई थी। इंग्लैंड का दूसरा इंनिंग्स भी रात की रोशनी में बिखर गया और टीम 241/10 पर सिमटती दिखी।
स्टोक्स का स्वीकार – “दबाव में चूक गए”
स्टोक्स ने मैच के बाद कहा, 'बहुत निराशाजनक है। छोटे-छोटे मोमेंट्स में हम गेम को कंट्रोल में लाते हैं और फिर उसे गंवा देते हैं। हमारे पास क्वालिटी मौजूद है, लेकिन हमें मानसिक तौर पर और मजबूत बनने की जरूरत है।' उन्होंने माना कि टीम ने सही समय पर लड़ाई नहीं दिखायी और महत्वपूर्ण मौकों पर फैसले गलत हुए।
इंग्लैंड की लड़खड़ाती बल्लेबाज़ी
इंग्लैंड की हार की सबसे बड़ी वजह तीसरे दिन ऑस्ट्रेलिया के निचले क्रम को रोक न पाना रहा। पुछल्ले बल्लेबाजों ने मिलकर बड़े रन जोड़े और इंग्लैंड की पकड़ ढीली कर दी। दूसरी पारी में कप्तान स्टोक्स (50) और विल जैक्स (41) ने संघर्ष दिखाया, लेकिन 241 के कुल स्कोर से इंग्लैंड मैच में वापसी नहीं कर पाया।
“हम कमजोर नहीं हैं” – स्टोक्स ने पलटवार किया
हार के बाद भी स्टोक्स ने टीम का मनोबल बढ़ाते हुए कहा, 'कहते हैं ऑस्ट्रेलिया कमजोर लोगों की जगह नहीं है। हम कमजोर नहीं हैं। 2-0 से पीछे हैं, लेकिन तीनों मैच जीतना नामुमकिन नहीं। हमने पहले भी वापसी की है और इस बार भी लड़ाई जारी रहेगी।' उन्होंने माना कि गलतियों को तुरंत सुधारना होगा, वरना एशेज इंग्लैंड की पहुंच से दूर हो जाएगा।
अगला पड़ाव – एडिलेड टेस्ट
तीसरा टेस्ट 17 दिसंबर से एडिलेड ओवल में खेला जाएगा। इंग्लैंड के लिए यह ‘डू ऑर डाय’ मुकाबला है। अगर वे जीत दर्ज नहीं कर पाए, तो एशेज फिर से ऑस्ट्रेलिया के नाम होने में देर नहीं लगेगी।