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मुंबई, 19 मई (भाषा) पूर्व भारतीय कप्तान सुनील गावस्कर ने शुक्रवार को कहा कि अंशुमन गायकवाड़ ने एक खिलाड़ी, एक कोच, एक प्रशासक और एक चयनकर्ता के रूप में भारतीय क्रिकेट को सब कुछ दिया है।


गावस्कर ने अपने करियर की शुरुआत में वेस्टइंडीज के खतरनाक तेज गेंदबाजों के खिलाफ हिम्मत दिखाने के लिए अपने पूर्व साथी की भी प्रशंसा की।


गावस्कर ने यहां ब्रेबोर्न स्टेडियम में गायकवाड़ की जीवनी ‘गट्स एमिडस्ट ब्लडबाथ’ के विमोचन के दौरान गायकवाड़ के पारी आगाज करने के अनुभव को साझा किया। उन्होंने 1976 में जमैका टेस्ट के बारे में बताया जब गायकवाड़ के सिर पर चोट लगी थी।


गावस्कर ने कहा, ‘‘आंशु के सिर पर चोट लगी थी लेकिन उसने अविश्वसनीय रूप से दिलेरी दिखायी। हमने पिछले टेस्ट 400 से अधिक रन का पीछा करते हुए रिकॉर्ड जीत दर्ज की थी। इस आखिरी टेस्ट से पहले श्रृंखला 1-1 की बराबरी पर थी।’’

गावस्कर ने कहा, ‘‘ इस श्रृंखला से पहले वेस्टइंडीज की टीम ऑस्ट्रेलिया से 1-5 से श्रृंखला हार गयी थी और क्लाइव लॉयड अपनी कप्तानी बचाने के लिए बेताब थे।’’

इस सलामी बल्लेबाज ने कहा, ‘‘उन्होंने टॉस जीता और हमें पहले बल्लेबाजी करने के लिए कहा। पहले दिन लंच तक हम क्रीज पर थे। लंच के समय, उन्होंने कुछ चर्चा की होगी और अचानक पूरी रणनीति बदल गई। लंच के बाद माइकल होल्डिंग, वेन डेनियल और हर गेंदबाज बाउंसर या बीमर डालने लगा।’’

उन्होंने बताया, ‘‘हम दोनों झुक कर गेंद को छोड़ रहे थे लेकिन बीमर को छोड़ना मुश्किल था। अचानक एक गेंद गायकवाड़ के सिर में लगी।’’

गावस्कर ने याद किया कि वह गायकवाड़ के साथ एम्बुलेंस में अस्पताल गए थे।


उन्होंने कहा, ‘‘हमें उसे अस्पताल ले जाना पड़ा।  अंशु ने जो साहस दिखाया वह कमाल का था। इस साहस के दम पर वह हर बार वेस्टइंडीज के खिलाफ श्रृंखला के लिए टीम में वापसी कर लेते थे। ’’



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