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नयी दिल्ली, तीन अगस्त (भाषा) एशियाई फुटबॉल परिसंघ ने पिछले साल खेले गये गोवा पेशेवर लीग के छह मैचों में ‘ हेराफेरी’ का संदेह व्यक्त किया जिस पर राज्य संघ ने सोमवार को कहा कि इसके पर्याप्त सबूत नहीं है।

एएफसी ने आखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ (एआईएफएफ) के आचरण अधिकारी जावेद सिराज को मार्च में लिखा था कि पिछले साल 16 अक्टूबर से 19 नवंबर के बीच आयोजित छह मैचों में ‘संदिग्ध सट्टेबाजी और मैच में हेराफेरी करने के संकेत’ के बारे में बताया था।

गोवा फुटबॉल संघ (जीएफए) के सचिव जोविटो लोप्स ने कहा कि उनके संगठन ने इसकी जांच की थी और एक व्यक्ति - गेब्रियल फर्नांडिस को भी पकड़ा था। वह गोवा लीग मैचों की कॉमेंट्री कर रहा था लेकिन मैच फिक्सिंग के प्रर्याप्त सबूत नहीं मिले।

इन मैचों में स्थानीय टीमों कैलंगुट एसोसिएशन, पणजीम फुटबॉलर्स, गार्जियन एंजेल स्पोर्ट्स क्लब, एफसी गोवा-दो और आई-लीग की पूर्व टीमें डेम्पो एससी, सलगांवकार और स्पोर्टिंग क्लब डे गोवा शामिल थे।

लोप्स ने गोवा से पीटीआई-भाषा को बताया, ‘‘ हमने पत्र मिलने के बाद जांच की है लेकिन हम यह निष्कर्ष नहीं निकाल सकते कि मैच फिक्सिंग हुई थी। हमारे पास प्रर्याप्त सबूत नहीं हैं। इस मामले में एआईएफएफ हमें सबूत दे सकता है और गहन जांच कर सकता है।’’
उन्होंने दावा किया कि संदिग्ध व्यक्ति को उस समय पकड़ा गया था, जब वह चर्चिल ब्रदर्स और गोकुलम केरला एफसी के बीच इस साल आठ मार्च को मडगांव में एक आई-लीग मैच के दौरान कमेंट्री दे रहा था। इस संदिग्ध व्यक्ति के पास एआईएफएफ से जारी पहचान पत्र था जिसमें उसे जीनियस समूह का रिपोर्टर बताया गया था।

उन्होंने कहा, ‘‘ हमने नौ मार्च को अपनी जांच रिपोर्ट सिराज को भेज दी थी। हम इस मामले में एआईएफएफ के जवाब का इंतजार कर रहे है।’’


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