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नयी दिल्ली, एक अगस्त (भाषा) ओलंपिक के लिए क्वालीफाई कर चुकी भारतीय पुरुष और महिला हॉकी टीमें चार अगस्त को बेंगलुरु स्थित भारतीय खेल प्राधिकारण (साइ) परिसर में अपने राष्ट्रीय शिविर के लिए वापस आ जाएंगी लेकिन कोविड-19 प्रोटोकॉल के तहत एथलीटों, कोचों और सहायक कर्मचारियों को 14 दिनों तक पृथकवास में रहना होगा।

पिछले कुछ समय से कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों से जुझ रहे कर्नाटक सरकार से अनुमति मिलने के बाद साइ ने यह फैसला किया हैं।

साइ की ओर से शनिवार को जारी बयान में कहा गया, ‘‘ शिविर में कोविड-19 से जुड़े सभी नियमों के अलावा साइ और राज्य सरकार की ओर से जारी मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) का कड़ाई से पालन किया जाएगा। बेंगलुरु पहुंचने पर एथलीटों, कोचों और सहायक कर्मचारियों की कोविड-19 जांच की जायेगी ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि शिविर में शामिल सभी लोग कोरोना वायरस के जोखिम से बचे रहें।’’
देश के विभिन्न हिस्से और विदेशों से आने वाले खिलाड़ी और सहायक कर्मचारी अभ्यास शुरु करने से पहले परिसर के अंदर दो सप्ताह तक पृथकवास में रहेंगे।

यहां पहुंचने के बाद उनका पहला परीक्षण किया जाएगा और पृथकवास खत्म होने के बाद उनका दोबारा परीक्षण किया जाएगा।

राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन के कारण खिलाड़ियों ने लगभग चार महीने शिविर में बिताये। प्रतिबंधों में ढील मिलने के बाद खिलाड़ियों को चार सप्ताह का ब्रेक दिया गया और वे 19 जून को अपने गृह शहर के लिए रवाना हो गये थे।

साइ ने कहा, ‘‘ बेंगलुरु में कोविड-19 के मामलों की बढ़ती संख्या को देखते हुए, यहां आने वाले सभी एथलीटों, कोचों और सहायक कर्मचारियों को गृह मंत्रालय, स्वास्थ्य मंत्रालय और कर्नाटक सरकार के पृथकवास नियमों का पालन करना होगा।’’
साइ के बेंगलुरु प्रशासन ने पहले ही एथलीटों, कोचों और सहयोगी स्टाफ के लिए ऑनलाइन कार्यशालाएं आयोजित की थीं, जिसमें शिविर के दौरान परिसर के अंदर पालन किये जाने वाले एहतियाती कदमों के बारे में बताया गया था।


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