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मुंबई : केन विलियमसन जैसे दिग्गज खिलाड़ी की जगह भरना आसान नहीं होता लेकिन न्यूजीलैंड की भारत के खिलाफ टेस्ट श्रृंखला में 3-0 से जीत में अहम भूमिका निभाने वाले विल यंग ने चार साल तक रिजर्व बल्लेबाज के रूप में मैदान पर पानी पहुंचाने के बाद मिले इस मौके को अपनी खुद की पहचान बनाने के अवसर के रूप में देखा जिसमें वह सफल रहे। 

विलियमसन चोटिल होने के कारण तीनों टेस्ट मैच में नहीं खेल पाए जिससे यंग को अंतिम एकादश में जगह बनाने का मौका मिला जिसका उन्होंने पूरा फायदा उठाया। शीर्ष क्रम के इस बल्लेबाज ने बेंगलुरु में खेले गए पहले टेस्ट मैच में नाबाद 48 रन बनाकर संकेत दे दिया था कि वह खुद को साबित करने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं। 

यंग ने न्यूजीलैंड की ऐतिहासिक जीत के बाद कहा, ‘चार साल पहले पदार्पण करने के बाद मैं टीम से अंदर बाहर होता रहा। मैं वर्षों तक रिजर्व बल्लेबाज रहा इसलिए मैं मैदान पर पानी पहुंचाने की भूमिका निभाने वाले खिलाड़ी की भावना को अच्छी तरह से समझता हूं।' उन्होंने कहा, ‘जब मुझे मौका मिला तो मैं अपनी तरह से खेलने को लेकर अधिक उत्साहित था तथा मैंने केन की जगह लेने का प्रयास नहीं किया। मैंने अपना नैसर्गिक खेल खेला। मैंने इसे केन की जगह लेने के बजाय खुद के लिए बड़े मौके के रूप में देखा।' 

यंग ने कहा कि भारत दौरे से पहले स्वदेश में अभ्यास सत्रों के दौरान विलियमसन ने खिलाड़ियों को भारतीय उपमहाद्वीप में खेलने को लेकर महत्वपूर्ण सलाह दी जिसका टीम को फायदा मिला। उन्होंने कहा, ‘दुर्भाग्य से केन चोटिल होने के कारण टीम के साथ यहां नहीं आ पाया। वह बहुत अच्छा इंसान है जिससे आप पूछ सकते हैं कि मैच की इन परिस्थितियों के बारे में वह क्या सोचते हैं। हमने यहां आने से पहले तीन अभ्यास शिविर में भाग लिया था और वह इनमें मौजूद था।' यंग ने तीन टेस्ट मैच में 244 रन बनाए। उन्होंने तीसरे टेस्ट मैच में 71 और 51 रन की दो शानदार पारियां खेली जिससे न्यूजीलैंड श्रृंखला में क्लीन स्वीप करने में सफल रहा।