नई दिल्ली : ऑस्ट्रेलिया के विस्फोटक ऑलराउंडर ग्लेन मैक्सवेल का इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) में उतार-चढ़ाव भरा सफर रहा। उन्होंने पंजाब के लिए खेलते हुए कई रिकॉर्ड बनाए। अब अपनी पुस्तक द शोमैन में मैक्सवेल ने अपनी आईपीएल यात्रा का वर्णन किया है। साथ ही पूर्व साथी और गुरु वीरेंद्र सहवाग के साथ जटिल संबंधों पर प्रकाश डाला है। मैक्सवेल 2014 में किंग्स इलेवन पंजाब में शामिल हुए थे। टीम ने केवल तीन ही मैच गंवाए और फाइनल में पहुंच गई। मैक्सवेल ने इस दौरान सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करते हुए 552 रन बनाए और किसी भी अन्य खिलाड़ी की तुलना में अधिक छक्के लगाए। हालांकि फाइनल में कोलकाता नाइट राइडर्स से पंजाब जीत नहीं पाई।
पंजाब के साथ अपने परफेक्ट सीजन पर बात करते हुए मैक्सवेल ने कहा कि हम उस वक्त अंतिम ओवर में हार गए। आईपीएल में आपका कितना भी परफेक्ट सीजन न हो अगर ट्रॉफी न हो तो कुछ नहीं। तब मेरे से वादा किया गया था कि टीम मुझे विश्वास में लेकर बनाई जाएगी। लेकिन फिर इसमें असंगतता आ गई। पंजाब का आगामी सीजन में फॉर्म गिर गया। बता दें कि 2014 के बाद पंजाब का प्रदर्शन गिर गया और वह अंक तालिका में आखिरी स्थानों पर रही। मैक्सवेल ने उस चुनौतीपूर्ण समय को याद करते हुए कहा कि एक युवा खिलाड़ी के रूप में, यह अधिक कठिन था। मुझे खुद पर संदेह हुआ, नकारात्मकता महसूस हुई, जब मैंने उक्त सोशल मीडिया पोस्ट देखी।
2017 में मैक्सवेल दोबारा पंजाब में लौटे। सहवाग तब मेंटर बन चुके थे। मैक्सवेल का बतौर कप्तान स्वागत हुआ। मैक्सवेल ने कहा कि टीम बनते ही स्पष्ट हो गया था कि इसपर सहवाग का प्रभाव है। उन्होंने कोच जे अरुणकुमार के साथ निर्णय लेने की जिम्मेदारी ली, जिससे खिलाड़ियों और कोचों के बीच भ्रम पैदा हो गया। सेटअप में दरारें स्पष्ट थीं। इस पर मैक्सवेल ने एक उदाहरण याद करते हुए लिखा- एक मुकाबले में इशांत शर्मा को आखिरी समय पर प्लेइंग 11 में जगह दे दी गई जोकि निर्णय लेने में अव्यवस्था को उजागर करता है। टीम पर सहवाग की पकड़ बढ़ती गई और निराशाजनक सीज़न के बाद मैक्सवेल और सहवाग के बीच तनाव चरम पर पहुंच गया।
मैक्सवेल ने स्वेच्छा से मीडिया को संबोधित किया, लेकिन सहवाग ने इसे स्वयं करने का निर्णय लिया। बाद में, मैक्सवेल को यह जानकर आश्चर्य हुआ कि सहवाग ने सार्वजनिक रूप से उनकी आलोचना की थी और उन्हें "बड़ी निराशा" कहा था। मैक्सवेल ने साझा किया कि यह अप्रिय था, खासकर जब मुझे लगा कि हम अच्छी शर्तों पर अलग हुए हैं। उस घटना के बाद दोनों ने फिर कभी बात नहीं की और मैक्सवेल ने फ्रेंचाइजी मालिकों को सूचित किया कि अगर सहवाग जारी रहेगा तो वह चले जाएंगे। फ्रेंचाइजी के साथ सहवाग का कार्यकाल अगले सीजन में समाप्त हो गया।