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बेंगलुरु : कृष्ण पाठक पेरिस ओलंपिक के लिए भारतीय हॉकी टीम में जगह बनाने को लेकर एक अजीब स्थिति में है जहां टीम में गोलकीपर के एक स्थान के लिए उनका मुकाबला अपने दोस्त और मेंटोर पीआर श्रीजेश से है। हॉकी के किसी टूर्नामेंट में देश को 18 खिलाड़ियों को टीम में रखने की अनुमति होती है लेकिन ओलंपिक के लिए खिलाड़ियों के 16 सदस्यीय दल की मंजूरी होती है। ऐसी स्थिति में कोच अतिरिक्त गोलकीपर की जगह मैदान में खेलने वाले खिलाड़ी को टीम में शामिल करना चाहते हैं।

इससे पहले तोक्यो ओलंपिक में भी ऐसा हुआ जब श्रीजेश के शानदार खेल से भारत कांस्य पदक जीतने में सफल रहा। इस दौरान पाठक दर्शक दीर्घा से मैच देख रहे थे। वह हालांकि इस बार इतनी आसानी से हार मानने को तैयार नहीं है। पाठक ने यहां भारतीय खेल प्राधिकरण (साइ) केंद्र में कहा कि कोच ने हमें ओलंपिक के लिए टीम संयोजन के बारे में नहीं बताया है। मेरा लक्ष्य है कि बुलावा आने पर मैं 100 प्रतिशत तैयार रहूं। ओलंपिक के लिए जाने वाली टीम में जगह बनाने के लिए अच्छी प्रतिस्पर्धा चल रही है। प्रत्येक खिलाड़ी को लगता है कि वह उस टीम का हिस्सा बन सकता है। मैं भी अलग नहीं हूं और मैं पेरिस की उड़ान में बैठना चाहता हूं।