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स्पोर्ट्स डेस्क : ब्रिस्बेन में होने वाले दूसरे एशेज टेस्ट से पहले ऑस्ट्रेलियाई टीम चयन को लेकर बड़ी चर्चा छिड़ी हुई है। ऑस्ट्रेलिया के पूर्व ऑलराउंडर टॉम मूडी ने अनुभवी ऑफ-स्पिनर नाथन लियोन को प्लेइंग इलेवन से बाहर रखने की सलाह दी है। लियोन ग्लेन मैकग्रा के 563 विकेटों के रिकॉर्ड से केवल एक विकेट दूर हैं, लेकिन मूडी का मानना है कि गाबा की तेज और बाउंसी पिच पर पेस आक्रमण ज्यादा कारगर साबित होगा। इंग्लैंड के आक्रामक बल्लेबाजी अंदाज़ और डे-नाइट टेस्ट की परिस्थितियों को देखते हुए उन्होंने टीम संयोजन में बदलाव की जरूरत पर जोर दिया। 

मूडी का बड़ा बयान : “डे-नाइट टेस्ट में स्पिनर को खिलाना जोखिम” 

टॉम मूडी ने वाइड वर्ल्ड ऑफ स्पोर्ट्स से बातचीत में कहा कि ब्रिस्बेन की पिच स्वभाविक रूप से तेज गेंदबाजों के लिए अनुकूल रहती है और डे-नाइट टेस्ट में पिंक बॉल स्पिनर्स को कम सहायता देती है। पर्थ में पहले टेस्ट के दौरान नाथन लियोन का प्रभाव बेहद सीमित रहा, जबकि तेज गेंदबाजों ने दो दिनों में ही मैच का रुख बदल दिया था।

मूडी ने कहा, “मैंने कभी नहीं सोचा था कि ऑस्ट्रेलिया में किसी टेस्ट में स्पेशलिस्ट स्पिनर को बाहर रखने की जरूरत पड़ेगी, पर डे-नाइट क्रिकेट में स्पिनर को खेल में शामिल करना मुश्किल होता है।” उन्होंने यह भी बताया कि इंग्लैंड की तेज बल्लेबाजी रणनीति स्पिनर को लंबे स्पेल डालने का मौका नहीं देती, ऐसे में पेस-ऑलराउंडर टीम को ज्यादा संतुलन दे सकता है।

वेबस्टर को मौका देने की सलाह

मूडी का मानना है कि नाथन लियोन की जगह ऑलराउंडर ब्यू वेबस्टर को मौका मिलना चाहिए। वेबस्टर बल्लेबाजी गहराई बढ़ा सकते हैं और मध्यम गति के तेज गेंदबाजी विकल्प भी टीम को दे सकते हैं। उन्होंने कहा कि इंग्लैंड की ‘बाज़बॉल’ शैली को देखते हुए ऑस्ट्रेलिया को ऐसे गेंदबाजों की जरूरत होगी जो लगातार गति और उछाल से बल्लेबाजों को परेशान कर सकें। इस दृष्टि से वेबस्टर टीम को बेहतर ‘बैलेंस’ दे सकते हैं।

पहले एशेज टेस्ट का समीकरण: ट्रैविस हेड की तूफानी पारी ने मैच पलटा

पहले टेस्ट में ऑस्ट्रेलिया ने केवल दो दिनों में इंग्लैंड को मात देकर सीरीज में 1-0 की बढ़त हासिल की थी। ट्रैविस हेड ने 69 गेंदों में आक्रामक शतक जड़ते हुए 205 रन के लक्ष्य को केवल 28.2 ओवर में हासिल करा दिया। उनकी 123 रनों की धुआंधार पारी एशेज इतिहास का दूसरा सबसे तेज शतक साबित हुई और मैच ऑस्ट्रेलिया की मुट्ठी में आ गया।

स्टार्क की घातक गेंदबाजी और इंग्लैंड की गिरती हुई पारी

मैच का फैसला तब तय हो गया जब इंग्लैंड की टीम 65/1 से अचानक 39 रन पर छह विकेट गंवा बैठी। मिचेल स्टार्क ने मैच में कुल 10 विकेट लेकर इंग्लैंड की बल्लेबाजी की कमियों को उजागर किया। खराब शॉट चयन, पिंक बॉल का स्विंग और ऑस्ट्रेलिया के आक्रामक बॉलिंग प्लान ने इंग्लैंड को 164 रन पर ढेर कर दिया, जिसमें उसने अपने नौ विकेट 99 रन के भीतर गंवा दिए।

ब्रिस्बेन में इंग्लैंड पर दबाव 

तीन दिन में खत्म हुए पहले टेस्ट के बाद इंग्लैंड पर जोरदार दबाव है। 4 दिसंबर से शुरू होने वाले ब्रिस्बेन डे-नाइट टेस्ट में टीम को वापसी करनी होगी। वहीं, सबकी निगाहें इस बात पर रहेंगी कि नाथन लियोन खेलेंगे या सिलेक्टर्स पिच को देखते हुए टॉम मूडी की सलाह मानकर तेज-प्रधान आक्रमण चुनेंगे।