लंदन : अपने जमाने के दिग्गज बल्लेबाज ज्योफ्री बॉयकॉट इस बात से सहमत नहीं हैं कि जिम्बाब्वे के खिलाफ शतक बनाने के बावजूद इंग्लैंड के जैक क्रॉली और ओली पोप अपनी ‘तकनीकी और मानसिक समस्याओं' से उबर चुके हैं और उनका मानना है कि उन्हें असली चुनौती अगले महीने भारत के खिलाफ होने वाली पांच टेस्ट मैचों की श्रृंखला में मिलेगी।
क्रॉली के लिए पिछले कुछ महीने काफी कठिन रहे हैं। न्यूजीलैंड में वे संघर्ष करते रहे, जहां उनका औसत 9 से कम रहा और वे सभी छह पारियों में मैट हेनरी के हाथों आउट हुए। पोप के लिए भी 2024 उतार-चढ़ाव भरा रहा। हैदराबाद में भारत के खिलाफ पहले टेस्ट में 196 रन की शानदार पारी खेलने के बाद उनके प्रदर्शन में निरंतरता का अभाव रहा।
बॉयकॉट ने डेली टेलीग्राफ में अपने कॉलम में लिखा, ‘हम अभी इस नतीजे पर नहीं पहुंच सकते हैं कि क्रॉली और पोप ने अपनी तकनीकी और मानसिक समस्याओं को सुलझा लिया है, जो उनके करियर को प्रभावित कर रही थीं, क्योंकि जिम्बाब्वे की गेंदबाजी बहुत औसत दर्जे की थी।' इंग्लैंड के शीर्ष तीन बल्लेबाजों क्रॉली, बेन डकेट और पोप ने शतक लगाए, जिससे मेजबान टीम ने जिम्बाब्वे के खिलाफ अपनी पारी छह विकेट पर 565 रन बनाकर समाप्त घोषित की। इंग्लैंड ने यह एकमात्र टेस्ट मैच पारी और 45 रन से जीता था।
बॉयकॉट ने कहा, ‘वे मध्यम गति के गेंदबाज थे, जो क्रॉली और पोप की बल्लेबाजी में किसी भी तरह की खामी को उजागर करने के लिए पर्याप्त अच्छे नहीं थे। हमें भारत के खिलाफ श्रृंखला तक इंतजार करना होगा, ताकि यह देखा जा सके कि बेहतर गेंदबाजों के खिलाफ वास्तव में कोई सुधार हुआ है या नहीं। यह उनके लिए असली परीक्षा होगी और इससे हम बेहतर आकलन कर सकते हैं कि वह अभी किस स्थिति में हैं।' भारत और इंग्लैंड के बीच पांच टेस्ट मैच की श्रृंखला का पहला मैच 20 जून से लीड्स में खेला जाएगा। इंग्लैंड को इसके बाद एशेज श्रृंखला खेलने के लिए ऑस्ट्रेलिया का दौरा करना है जिसका पहला मैच 21 नवंबर को शुरू होगा।