खेल डैस्क : विनेश फोगाट का देश लौटने पर भव्य स्वागत हुआ। दिल्ली के हवाईअड्डे के बाहर सैकड़ों समर्थकों ने आकर एकजुटता दिखाई और पहलवान का हौसला बढ़ाया। विनेश को पैरिस ओलिम्पिक में 50 किग्रा वर्ग के फाइनल मुकाबले से पहले वजन ज्यादा होने के काराण अयोग्यता झेलनी पड़ी थी। बहरहाल, विनेश के स्वागत में बजरंग पुनिया, साक्षी मलिक के साथ कई नेता जुटे। भारी मालाएं पहने विनेश खुली जीप में खड़ी हुईं और सभी समर्थकों को धन्यवाद दिया। कांग्रेस नेता दीपेंद्र हुड्डा विनेश के साथ गए और उन्हें मिठाई खिलाई। उन्होंने विनम्रता से हाथ जोड़कर कहा कि मैं समर्थन के लिए पूरे देश को धन्यवाद देती हूं।
विनेश के लिए राष्ट्रीय राजधानी में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था थी। विनेश का कारवां जब हरियाणा में उनके पैतृक गांव बलाली के लिए रवाना हुआ और रास्ते में वह विभिन्न स्थानों पर तैनात अपने समर्थकों से मिलीं। हुड्डा ने विनेश को 'जीत का प्रतीक' गदा भेंट की, विनेश भावुक हो गईं और उनके पति सोमवीर ने उन्हें सांत्वना दी। इस दौरान हुड्डा ने विनेश के लिए एक्स पर लिखा- हमारी नजर में आप पहले भी विजेता रहे हैं और भविष्य में भी विजेता रहेंगे। आपके साहस, संघर्ष और दृढ़ संकल्प ने न केवल करोड़ों देशवासियों का दिल जीता है बल्कि आप देश के करोड़ों युवाओं के लिए प्रेरणा हैं। बहरहाल, बलाली की ओर जाने से पहले विनेश ने दिल्ली के द्वारका में एक मंदिर में प्रार्थना भी की। फोगाट के काफिले के साथ कारों के काफिले में पहलवान की ताजा छपी तस्वीरें थीं, जिस पर कैप्शन लिखा था- माहरी छोरी, खरा सोना (मेरी बेटी, शुद्ध सोना)।
“तो क्या हुआ अगर उन्होंने मुझे स्वर्ण पदक नहीं दिया, यहां के लोगों ने मुझे उससे कहीं अधिक दिया है। मुझे जो प्यार और सम्मान मिला है, वह एक हजार ओलिम्पिक स्वर्ण पदकों से भी अधिक मूल्यवान है।
-विनेश फोगाट
खेल पंचाट (सीएएस) में अपनी अयोग्यता को चुनौती देने और संयुक्त रजत की मांग करने के बाद विनेश पैरिस में ही रुक गई थीं। बुधवार को विनेश की अर्जी खारिज हो गई थी। साक्षी मलिक ने कहा, भले ही उसे पदक नहीं मिला हो, लेकिन वह हमारे लिए चैम्पियन है। वह इतने लंबे समय के बाद अपने देश वापस आई है। वह काफी इमोशनल भी हैं। वह परिवार के साथ समय बिताएंगी और खुद को शांत करेंगी। विनेश ने महिलाओं के लिए जो किया है वह सराहनीय है।
विनेश के काफिले के दौरान हरियाणवी लोक संगीत चला जिसके साथ "संघर्ष" और "क्रांति" के नारे लगाए गए। रोड पर ट्रैफिक जाम हो गया वाहन चालक विनेश को देखने के लिए रुक गए थे। फोगट और पुनिया ने जोशीली भीड़ का सामना किया और बुजुर्ग उन्हें आशीर्वाद देने के लिए आगे आए। हर चौराहे पर फोगाट की एसयूवी को सेल्फी लेने वालों की भीड़ ने रोक लिया।
लंदन ओलिम्पिक के कांस्य पदक विजेता निशानेबाज गगन नारंग, जोकि पैरिस में भारतीय दल के शेफ डी मिशन थे, ने पेरिस हवाई अड्डे पर विनेश के साथ एक तस्वीर पोस्ट करते हुए उन्हें चैम्पियन कहा। नारंग ने एक्स पर लिखा- वह खेल गांव में पहले दिन एक चैम्पियन के रूप में आई थी और वह हमेशा हमारी चैम्पियन बनी रहेगी। कभी-कभी करोड़ों सपनों को प्रेरित करने के लिए किसी को ओलिम्पिक पदक की आवश्यकता नहीं होती...। विनेशफोगट आपने पीढ़ियों को प्रेरित किया है। आपके धैर्य को सलाम।
भाई हरविंदर फोगट ने कहा कि लोग हमारे गांव में उनके स्वागत का इंतजार कर रहे हैं। लोग विनेश से मिलने और उसे प्रोत्साहित करने के लिए उत्साहित हैं। इस ताकतवर पहलवान ने अपनी अयोग्यता के बाद अपनी पहली प्रतिक्रिया में शनिवार को कहा कि अलग-अलग परिस्थितियों" में वह खुद को 2032 तक प्रतिस्पर्धा में देख सकती हैं क्योंकि उनके पास अभी भी बहुत सारी कुश्ती बाकी है, लेकिन अब वह अपने भविष्य के बारे में अनिश्चित हैं। शायद फिर कभी वैसा न हो।
बता दें कि अयोग्य ठहराए जाने के बाद विनेश ने खेल से संन्यास की घोषणा कर दी थी। सोशल मीडिया पर एक भावनात्मक पोस्ट में, विनेश ने अपने बचपन के सपने, अपने पिता को खोने के बाद झेली कठिनाइयों को साझा किया था। इस दौरान उन्होंने अपनी असाधारण यात्रा में लोगों द्वारा किए गए योगदान को भी चिन्हित किया।