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स्पोर्ट्स डेस्क: जेमिमा रोड्रिग्स ने सबसे बड़े मंच पर अपने जीवन की यादगार पारी खेली और उनकी नाबाद 127 रन की पारी की बदौलत भारत ने बृहस्पतिवार को यहां सात बार की चैंपियन ऑस्ट्रेलिया को पांच विकेट से हराकर महिला विश्व कप के इतिहास में अब तक के सबसे बड़े लक्ष्य का पीछा करते हुए फाइनल में प्रवेश किया। अब दो नवंबर को फाइनल में भारत का सामना दक्षिण अफ्रीका से होगा जिससे टूर्नामेंट को नया विजेता मिलेगा। रोड्रिग्स 14 चौके जड़ित 134 गेंद की नाबाद शतकीय पारी ऑस्ट्रेलियाई सलामी बल्लेबाज फोबे लिचफील्ड के शतक पर भारी पड़ गई जिससे भारत ने नौ गेंद रहते 341 रन बनाकर महिला वनडे में रिकॉर्ड लक्ष्य का पीछा कर गत चैंपियन ऑस्ट्रेलिया को पराजित कर दिया।

भाग्य ने भी रोड्रिग्स का अच्छा साथ दिया जिन्हें कई बार जीवनदान मिला और उन्होंने इनका पूरा फायदा उठाते हुए कप्तान हरमनप्रीत कौर (89 रन) के साथ तीसरे विकेट के लिए 167 रन की साझेदारी निभाई जिसकी बदौलत भारत ने ऑस्ट्रेलिया के दो चरण में 15 मैच से चले आ रहे अपराजित अभियान को समाप्त किया। जीत के बाद कप्तान हरमनप्रीत और रोड्रिग्स की आंखों में खुशी के आंसू थे। लिचफील्ड (119 रन) के शतक ने जहां बड़े स्कोर की नींव रखी तो वहीं एलिस पैरी (77 रन) और एश्ले गार्डनर (63 रन) के अर्धशतकों ने स्कोर को मजबूती दी जिससे एक गेंद पहले सिमटने के बावजूद ऑस्ट्रेलिया ने जीत के लिए 339 रन का लक्ष्य दिया। भाग्य भी भारतीय टीम के साथ था, ऑस्ट्रेलियाई क्षेत्ररक्षकों ने कैच करने के कई मौके गंवाए जिसका फायदा मेजबान टीम को मिला।

रोड्रिग्स और हरमनप्रीत ने संयम से खेलते हुए तीसरे विकेट के लिए 156 गेंद में 167 रन की भागीदारी निभाई जो ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ किसी भी विकेट के लिए सबसे बड़ी साझेदारी है। हरमनप्रीत ने 88 गेंद में 10 चौके और दो छक्के जड़े। फॉर्म में चल रही प्रतिका रावल के चोटिल होने के कारण अंतिम एकादश में शामिल हुईं शेफाली वर्मा (10) दूसरे ही ओवर में किम गार्थ की गेंद पर पगबाधा हो गईं। मेजबान टीम ने फिर पावरप्ले में अपनी स्टार बल्लेबाज स्मृति मंधाना (24 रन) का विकेट गंवा दिया। गार्थ की गेंद पर विकेटकीपर हीली ने कैच लपका लेकिन अंपायर ने इसे वाइड करार दिया। पर हीली ने रिव्यू लेने का फैसला किया जिसमें गेंद मंधाना के बल्ले के किनारे से छूती हुई दिखी और ऑस्ट्रेलिया को 10वें ओवर में अहम विकेट मिल गया। इस समय भारत का स्कोर 59 रन था।

रोड्रिग्स ने अपनी पारी के दौरान कट शॉट और स्वीप शॉट लगाने के साथ बीच बीच में एक दो रन लेकर सतर्कता से पारी को आगे बढ़ाया। तो वहीं हरमनप्रीत ने अर्धशतक पूरा करते ही आक्रामकता बरतते हुए तहलिया मैकग्रा पर एक्स्ट्रा कवर में और एशले गार्डनर पर काउ कॉर्नर पर छक्का जड़ा। भारत ने 30 ओवर में दो विकेट पर 189 रन बना लिए थे जबकि ऑस्ट्रेलिया का स्कोर इस समय दो विकेट पर 193 रन था। इस तरह टीम को 20 ओवर में जीत के लिए 150 रन की दरकार थी और उसके आठ विकेट बाकी थे।

रोड्रिग्स जब 82 रन पर थी तब उन्हें हीली ने अलाना किंग की गेंद पर जीवनदान दिया। हरमनप्रीत को पैर की मांसपेशियों में खिंचाव से परेशानी हो रही थी और पर कुछ देर बाद उन्होंने अनाबेल सदरलैंड की गेंद को पुल किया लेकिन यह उनके बल्ले के ऊपर हिस्से से लगकर हवा में चली गई और गार्डनर ने कैच लपकने में कोई गलती नहीं की। भारत को 36वें ओवर में तीसरा झटका 226 रन पर लगा। दीप्ति शर्मा (24 रन, 17 गेंद, तीन चौके) और रिचा घोष (26 रन, 16 गेंद, दो चौके, दो छक्के) ने अंत में उपयोगी योगदान दिया। इससे पहले अगर बाएं हाथ की स्पिनर श्री चरणी (49 रन देकर दो विकेट) ने 3-0-9-2 के तीसरे स्पैल में शानदार गेंदबाजी नहीं की होती तो ऑस्ट्रेलियाई टीम इससे भी विशाल स्कोर तक पहुंच गई होती। श्री चरणी ने बेथ मूनी (24) और फॉर्म में चल रही एनाबेल सदरलैंड (03) को आउट किया।

चरणी ने भारत को पारी पर नियंत्रण लाने में मदद की क्योंकि अन्य भारतीय गेंदबाजों को पिच पर संघर्ष करना पड़ रहा था जिस पर उन्हें कोई मदद नहीं मिल रही थी। वहीं कुछ गलतियां क्षेत्ररक्षण में भी हुईं जिससे मेजबान टीम के लिए चीजें और मुश्किल हो गईं। बल्कि चरण के इस स्पैल से ऑस्ट्रेलियाई रन गति धीमी हुई। मेहमान टीम दो विकेट पर 220 रन के स्कोर से छह विकेट पर 265 रन तक पहुंच गई लेकिन इसके बाद गार्डनर की 45 गेंद में चार चौके और इतने ही छक्के जड़ित पारी ने टीम को 300 रन के पार करा दिया। टीम एक गेंद रहते 338 रन के स्कोर पर सिमट गई। लिचफील्ड ने 93 गेंद की पारी के दौरान 17 चौके और तीन छक्के जड़े। पैरी ने 88 गेंद में छह चौके और दो छक्के जमाए।

लिचफील्ड और पैरी ने दूसरे विकेट के लिए 133 गेंद में 155 रन की साझेदारी निभाई। पारी की शुरूआत में भारतीय कप्तान हरमनप्रीत कौर ने तीसरे ओवर में एलिसा हीली का कैच छोड़कर उन्हें जीवनदान दिया। हालांकि अंतिम एकादश में वापसी करने वाली ऑस्ट्रेलियाई कप्तान छठे ओवर में सस्ते में आउट हो गईं। लिचफील्ड ने शानदार बल्लेबाजी करते हुए महज 77 गेंद में तीसरा वनडे शतक जड़ दिया जिससे ऑस्ट्रेलिया के लिए बड़े स्कोर की नींव पड़ी। यह 22 वर्षीय खिलाड़ी अभी तक टूर्नामेंट में केवल एक अर्धशतक ही लगा सकी थी। लेकिन उनकी बल्लेबाजी को देखकर ऐसा लगा जैसे वह शानदार फॉर्म में हों।

लिचफील्ड ने मैदान के हर कोने पर शॉट लगाए और हर तरह के शॉट लगाए। रिवर्स स्वीप खेलने की इस महारथी ने 16वें ओवर की आखिरी गेंद पर चरणी की गेंद पर सीधा शॉट लगाया जो अमनजोत कौर के हाथ में जाता दिखा जिससे वह वापस लौट गईं, लेकिन अंपायरों ने उन्हें वापस बुला लिया क्योंकि गेंद टर्फ से टकराने के बाद शॉर्ट थर्ड मैन पर खड़ी क्षेत्ररक्षक के हाथों में चली गई थी। लिचफील्ड की शानदार पारी का अंत अमनजोत कौर की गेंद पर हुआ जिसे वह डीप फाइन लेग में खेलना चाह रही थीं लेकिन इससे उनके मिडिल स्टंप उखड़ गए। पैरी उनका अच्छा साथ निभा रही थीं और उन्होंने अर्धशतक जड़कर टीम के लिए अहम योगदान दिया। वह राधा यादव की गेंद पर बोल्ड हुईं। भारतीय गेंदबाजों को अनुशासित रहने की जरूरत थी लेकिन क्रांति गौड़ लाइन एवं लेंथ में अनिरंतर रहीं तो रेणुका सिंह अपनी चिर परिचित इन स्विंग नहीं हासिल कर पाईं। भारत की सबसे ज्यादा विकेट लेने वाली दीप्ति (73 रन देकर दो विकेट) को आखिरी क्षणों में दो विकेट मिले। बारिश ने पारी के शुरू में थोड़ी देर के लिए खलल डाला था। 

प्लेइंग 11 

भारत : शैफाली वर्मा, स्मृति मंधाना, अमनजोत कौर, जेमिमा रोड्रिग्स, हरमनप्रीत कौर (कप्तान), दीप्ति शर्मा, ऋचा घोष (विकेट कीपर), राधा यादव, क्रांति गौड़, श्री चरणी, रेणुका सिंह ठाकुर 

ऑस्ट्रेलिया : फोएबे लिचफील्ड, एलिसा हीली (विकेट कीपर/कप्तान), एलिस पेरी, बेथ मूनी, एनाबेल सदरलैंड, एशले गार्डनर, ताहलिया मैकग्राथ, सोफी मोलिनक्स, अलाना किंग, किम गर्थ, मेगन स्कुट।