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पेरिस : अनुभवी गोलकीपर और भारत के पूर्व हॉकी कप्तान पीआर श्रीजेश ने कहा कि पेरिस ओलंपिक उनका आखिरी अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट होगा। भारत के लिए 328 मैच खेलने वाले श्रीजेश के लिए यह चौथा ओलंपिक होगा। कई राष्ट्रमंडल खेलों, एशियाई खेलों और विश्व कप में खेल चुके 36 साल के श्रीजेश ने 2021 में आयोजित हुए तोक्यो ओलंपिक में शानदार गोलकीपिंग से भारत को कांस्य पदक दिलाने में अहम भूमिका निभाई थी। भारत ने तब इस खेल में 41 साल के पदक के सूखे को खत्म किया था। हॉकी इंडिया ने सोमवार को श्रीजेश को उनके शानदार करियर के लिए बधाई दी। 

हॉकी इंडिया ने राष्ट्रीय टीम के लिए ‘विन इट फॉर श्रीजेश' का अभियान शुरू किया है जो खिलाड़ियों को फिर से पोडियम पर खडे होने के लिए प्रेरित करेगा। श्रीजेश ने भारतीय टीम के लिए 2010 में पदार्पण किया था। वह 2014 एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक और 2018 एशियाई खेलों में कांस्य पदक जीतने वाले भारतीय टीम के सदस्य रहे है। वह 2018 में एशियाई चैंपियंस ट्रॉफी की संयुक्त विजेता टीम, भुवनेश्वर में 2019 एफआईएच पुरुष सीरीज फाइनल की स्वर्ण पदक विजेता टीम और बर्मिंघम 2022 राष्ट्रमंडल खेलों में रजत पदक विजेता टीम के सदस्य रह चुके है। 

उन्होंने एफआईएच हॉकी प्रो लीग 2021-22 में भारत को तीसरे स्थान पर पहुंचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। श्रीजेश को 2021 में मेजर ध्यानचंद खेल रत्न पुरस्कार से सम्मानित किया गया था और वह ‘वर्ल्ड गेम्स एथलीट ऑफ द ईयर' 2021 का पुरस्कार जीतने वाले भारत के केवल दूसरे खिलाड़ी हैं। उन्होंने 2021 और 2022 में में लगातार दो बार एफआईएच ‘गोलकीपर ऑफ द ईयर' का पुरस्कार जीता। उन्होंने पिछले साल एशियाई खेलों में शानदार प्रदर्शन किया जिससे भारतीय टीम स्वर्ण पदक जीतकर पेरिस ओलंपिक 2024 का टिकट पक्का करने में सफल रही। 

श्रीजेश ने हॉकी इंडिया से जारी विज्ञप्ति में कहा, ‘मैं पेरिस में अपने आखिरी टूर्नामेंट की तैयारी कर रहा हूं, मुझे अपने करियर पर बहुत गर्व है और उम्मीद के साथ आगे बढ़ रहा हूं। मेरी अब तक की यात्रा असाधारण रही है और और मैं अपने परिवार, टीम के साथियों, सभी कोच, प्रशंसकों और हॉकी इंडिया के प्यार और समर्थन के लिए हमेशा आभारी हूं। मुझ पर विश्वास करने के लिए धन्यवाद।' 

श्रीजेश ने कहा कि उन्होंने टीम के साथियों के साथ ओलंपिक के बाद संन्यास लेने के फैसले से अवगत करा दिया है। उन्होंने कहा, ‘मेरे टीम के साथी मुश्किल समय में मेरे साथ खड़े रहे हैं। हम सभी यहां पेरिस में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करना चाहते हैं। निश्चित रूप से अपने पदक का रंग बदलना चाहते है।' हॉकी इंडिया के अध्यक्ष डॉ. दिलीप तिर्की ने श्रीजेश को उनके शानदार करियर के लिए बधाई देते हुए कहा, ‘श्रीजेश मुश्किल से 18 या 19 साल के थे जब मैंने उन्हें पहली बार भारतीय शिविर में देखा था और अगर मुझे सही याद है, तो जब मैं कप्तानी कर रहा था तब उन्होंने अंतरराष्ट्रीय हॉकी में पदार्पण किया था।' 

इस पूर्व कप्तान ने कहा, ‘वह एक बहुत ही विशेष खिलाड़ी हैं और भारतीय हॉकी में उनके अनुकरणीय योगदान के लिए मेरा दिल खुशी और कृतज्ञता से भर गया है।' तिर्की को उम्मीद है कि श्रीजेश के इस फैसले से टीम के खिलाड़ी अपने चहते गोलकीपर को शानदार विदाई देना चाहेंगे। उन्होंने कहा, ‘पेरिस में यह दौरा निश्चित रूप से टीम के लिए विशेष होगा और मेरा मानना ​​है कि श्रीजेश का निर्णय टीम को और अधिक प्रोत्साहित करेगा। पोडियम पर फिर से खड़े होने और इसे न केवल श्रीजेश के लिए बल्कि पूरी हॉकी बिरादरी के लिए विशेष बनाने के लिए मैं उन्हें और टीम को शुभकामनाएं देता हूं।'