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स्पोर्ट्स डेस्क : कोलकाता में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान भारत के पूर्व कप्तान सौरव गांगुली ने युवा विकेटकीपर-बल्लेबाज ध्रुव जुरेल की हालिया फॉर्म की खुलकर सराहना की। उन्होंने माना कि जुरेल ने लगातार शानदार प्रदर्शन करके चयनकर्ताओं के सामने अपनी मजबूत दावेदारी पेश की है। हालांकि, गांगुली ने यह भी कहा कि मौजूदा टेस्ट टीम की मजबूत बैटिंग लाइन-अप को देखते हुए उन्हें अंतिम एकादश में जगह बनाना आसान नहीं होगा। जुरेल की दो लगातार सेंचुरियां साउथ अफ्रीका ए के खिलाफ उनकी प्रतिभा और धैर्य का प्रमाण हैं। 

ध्रुव जुरेल की धमाकेदार फॉर्म

बेंगलुरु में खेले गए दूसरे अनऑफिशियल टेस्ट में जुरेल ने साउथ अफ्रीका ए के खिलाफ दोनों पारियों में सेंचुरी लगाकर सुर्खियां बटोरीं। पहली पारी में उन्होंने 175 गेंदों पर नाबाद 132 रन बनाए, जिसमें 12 चौके और 4 छक्के शामिल थे। दूसरी पारी में उन्होंने 159 गेंदों पर एक और शानदार शतक ठोका। उनकी इस निरंतरता ने टीम इंडिया के चयनकर्ताओं के लिए नई मुश्किलें खड़ी कर दी हैं। भारत और साउथ अफ्रीका के बीच टेस्ट सीरीज 14 नवंबर से कोलकाता के ईडन गार्डन्स में शुरू होगी, और इससे पहले जुरेल की यह फॉर्म उन्हें चयन की रेस में मजबूती से खड़ा करती है।

गांगुली ने कहा : “जगह बनाना आसान नहीं”

सौरव गांगुली ने ANI से बातचीत में कहा, “ध्रुव बहुत अच्छा खेल रहे हैं, लेकिन मुझे नहीं पता कि सिलेक्टर्स क्या सोच रहे हैं। टीम की बैटिंग ऑर्डर पहले से काफी स्थिर है, दो ओपनर्स हैं, शुभमन गिल चौथे नंबर पर, फिर पंत और केएल राहुल जैसे खिलाड़ी मौजूद हैं। जडेजा भी टीम का हिस्सा हैं, इसलिए फिलहाल जगह बनाना आसान नहीं लगता।” उन्होंने यह भी कहा कि यह चयन इस बात पर निर्भर करेगा कि टीम मैनेजमेंट तीसरे नंबर पर किसे खिलाना चाहता है क्या वे युवा साई सुदर्शन को मौका देंगे या जुरेल को मौका मिलेगा। 

पंत की वापसी से बढ़ी प्रतिस्पर्धा

ऋषभ पंत की चोट से वापसी के बाद विकेटकीपर स्लॉट पर प्रतियोगिता और बढ़ गई है। जुरेल फिलहाल अपनी बल्लेबाजी के दम पर खुद को एक स्पेशलिस्ट बल्लेबाज के तौर पर पेश कर रहे हैं। अगर उनका यह प्रदर्शन जारी रहा, तो वे भारत की भविष्य की टेस्ट योजनाओं में अहम भूमिका निभा सकते हैं। 

घरेलू और ए-लेवल क्रिकेट में शानदार प्रदर्शन

इस साल जुरेल का प्रदर्शन हर फॉर्मेट में बेहतरीन रहा है। वेस्टइंडीज के खिलाफ टेस्ट सीरीज में उन्होंने तीन पारियों में 175 रन बनाए थे, जिसमें एक शानदार सेंचुरी शामिल थी। उस सीरीज में वे चौथे सबसे ज्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाज रहे और खास बात यह कि वे टॉप-5 में शामिल एकमात्र लोअर-ऑर्डर प्लेयर थे। सितंबर में ऑस्ट्रेलिया ए के भारत दौरे के बाद से, उन्होंने नौ मैचों में 1,059 रन बनाए हैं, औसत 81 से ज्यादा का रहा है, जिसमें चार सेंचुरी और छह फिफ्टी शामिल हैं। उनके नाम सात टेस्ट मैचों में 430 रन हैं, औसत 47.77 के साथ जो किसी युवा खिलाड़ी के लिए उल्लेखनीय आंकड़ा है।