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आबू धाबी ( निकलेश जैन ) फीडे मास्टर सोहम कामोत्रा ने इतिहास रचते हुए जम्मू और कश्मीर के पहले इंटरनेशनल मास्टर का खिताब हासिल कर लिया है। यह ऐतिहासिक उपलब्धि उन्होने 30वें अबू धाबी मास्टर्स के छठे राउंड में अफ्रीका के नंबर 1 ग्रैंडमास्टर मिश्र के बासेम अमीन के साथ ड्रॉ खेलकर हासिल की। इस ड्रॉ के साथ ही सोहम ने लाइव रेटिंग में 2400 का आंकड़ा पार कर लिया। शतरंज में इंटरनेशनल मास्टर बनने के लिए 3 नार्म भी हासिल करने होते है ।

सोहम को पहला नॉर्म 2022 में यूएई में आयोजित 22वें अबू धाबी मास्टर्स में प्राप्त हुआ था। लगभग नौ महीने बाद, उन्होंने दूसरा आईएम-नॉर्म हनोई जीएम राउंड रॉबिन 2023 में वियतनाम में हासिल किया। इसके आठ महीने बाद, उन्होंने अंतिम नॉर्म प्रथम सोआ  इंटरनेशनल चेस फेस्टिवल 2024 में प्राप्त किया। जिस अतरह से सोहम नें पिछले एक साल में शतरंज खेली है वह जम्मू और कश्मीर से पहले ग्रैंडमास्टर बनने की दिशा में भी तेजी से आगे बढ़ रहे हैं।

"मैं इस खिताब के लिए बहुत मेहनत कर रहा था। एक समय पर मुझे लगा कि मैं बहुत पीछे रह गया हूं, लेकिन आखिरकार यह हुआ और वहीं हुआ जहां से यह यात्रा शुरू हुई थी। यह वाकई में बेहद खूबसूरत है।" - सोहम कामोत्रा, उन्होने कहा की । "हम घर पर शतरंज खेला करते थे, लेकिन हमें इसके नियमों की जानकारी नहीं थी। फिर एक दिन हमारे स्कूल के एक शिक्षक आए और उन्होंने बताया कि एक राज्य स्तरीय टूर्नामेंट हो रहा है। उसी दिन मैंने औपचारिक रूप से शतरंज से परिचय प्राप्त किया।" - सोहम ने अपने शतरंज सफर की शुरुआत के बारे में बताया। उनके पहले कोच विवेक भारती और सुमित ग्रोवर थे।