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दुबई : भारत के पूर्व कोच रवि शास्त्री ने कहा कि भारत के पूर्व टेस्ट कप्तान रोहित शर्मा मध्यक्रम में बल्लेबाजी करते समय ऊब जाते थे इसलिए उन्होंने 2019 में ‘हिटमैन' को सलामी बल्लेबाज बनाने का फैसला किया। शास्त्री का यह फैसला ‘मास्टर स्ट्रोक' साबित हुआ और इसने पारंपरिक प्रारूप में रोहित के करियर को नया मोड़ दिया। शास्त्री 2017 में भारत के मुख्य कोच बने और 2021 में उन्होंने राहुल द्रविड़ को कमान सौंप दी। उनके चार साल के कार्यकाल के दौरान रोहित भारत के सबसे आक्रामक टेस्ट सलामी बल्लेबाज में से एक बन कर उभरे। 

शास्त्री ने ‘आईसीसी रिव्यू' में कहा, ‘चार, पांच नंबर पर बल्लेबाजी करते हुए यह लड़का ऊब जाता था। मैंने फिर इस पर विचार करना शुरू किया कि वह वनडे क्रिकेट में इतना सफल क्यों है? वह बल्लेबाजी के लिए मैदान पर जल्दी जाना पसंद करता है।' भारत के इस पूर्व दिग्गज हरफनमौला ने कहा, ‘मैंने सोचा कि अगर उसे पहले बल्लेबाजी के लिए भेजा जाए तो उसके पास तेज गेंदबाजों को खेलने, शॉट लगाने के लिए पर्याप्त समय होगा। उसके लिए मंच तैयार था। वह अगर इसे अपना ले तो उसके टेस्ट करियर को नई दिशा मिल सकती है।' 

रोहित ने हाल ही में खेल के इस पारंपरिक प्रारूप को अलविदा कह दिया। उन्होंने अपने शानदार करियर में 67 मैचों में 12 शतक और 18 अर्धशतक की मदद से 4,301 रन बनाए। शास्त्री ने कहा कि उन्होंने 2019 विश्व कप के दौरान ही रोहित का इस्तेमाल टेस्ट में सलामी बल्लेबाज के रूप में करने का फैसला कर लिया था। वह इस विश्व कप में पांच शतक और 81 की औसत से 648 रन बनाकर टूर्नामेंट में सर्वाधिक रन बनाने वाले खिलाड़ी रहे थे। 

इस पूर्व ऑलराउंडर ने कहा कि उन्होंने तत्कालीन कप्तान विराट कोहली के साथ रोहित को सलामी बल्लेबाज के तौर पर आगे बढ़ाने के विचार पर चर्चा की थी। रोहित को तुरंत सफलता मिली, उन्होंने दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ शीर्ष क्रम में अपने पहले टेस्ट में दो शतक जड़े। शास्त्री ने रोहित के बारे में कहा, ‘उन्होंने पांचवें और छठे नंबर पर काफी बल्लेबाजी की लेकिन वह पूरी एकाग्रता नहीं दिखा पाते थे। वह 20, 30 रन बनाकर अपना विकेट गंवा देते थे। (मैंने सोचा) चलो उसे दबाव में डालते हैं और उसे (बल्लेबाजी क्रम में) ऊपर भेजते हैं। मुझे याद है कि मैंने उससे वेस्टइंडीज में कहा था ‘हम चाहते हैं कि तुम पारी का आगाज करो'।' 

रोहित ने टेस्ट के अपने 12 शतकों में से नौ शतक सलामी बल्लेबाज के तौर पर लगाये है। उन्होंने कहा, ‘मैं अगर गलत नहीं हूं तो यह (फैसला) अगस्त 2019 में लिया गया था। उस विश्व कप के बाद। विश्व कप में उसने शानदार बल्लेबाजी की थी। इसलिए उनका फॉर्म बहुत अच्छा था। उसने इसके बारे में कुछ समय तक विचार किया होगा। वह इससे असहज नहीं था।' 

शास्त्री ने कहा, ‘उसने पारी का आगाज करते हुए अपने पहले टेस्ट मैच में शतक जड़ा था। मैं अगर गलत नहीं हूं, तो उन्होंने पहली पारी में 100 रन बनाए और फिर पीछे मुड़कर नहीं देखा क्योंकि वह इसका लुत्फ उठाने लगा था।' शास्त्री ने कहा कि रोहित ने अपनी तकनीक और नरम हाथों से शॉट खेलने का काफी अभ्यास किया। उसने अपनी तकनीक पर बहुत काम किया क्योंकि मुझे लगता है कि उसने इंग्लैंड में सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाजी की थी। इंग्लैंड में परिस्थितियां काफी अलग होती है।'