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नई दिल्ली : स्कूल में अपने से अधिक काबिल होने के कारण उन्हें अनीश्या से चिढ़ हो गई थी लेकिन बाद में उसे अपना दिल दे बैठे। बॉलीवुड की ही तरह रही पी आर श्रीजेश और उनकी पत्नी की प्रेम कहानी जिसकी शुरूआत केरल में जीवीएन स्पोटर्स स्कूल से हुई। लांग जंपर रही अनीश्या ने आखिर भविष्य में भारतीय हॉकी के महान गोलकीपर बनने जा रहे श्रीजेश को अपना जीवनसाथी बनाने के लिए हामी भरी।

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पेरिस ओलंपिक के बाद राष्ट्रीय टीम से विदा लेने वाले श्रीजेश ने मंगलवार को पीटीआई के संपादकों से बातचीत में बताया कि उनकी प्रेम कहानी कैसे परवान चढ़ी। वह कन्नूर में स्पोटर्स स्कूल में पढ़ रहे थे जब अनीश्या ने 2001 में उसमें दाखिला लिया। उन्होंने कहा कि मैं अच्छा छात्र था, टॉपर। सुपरस्टार था और शिक्षकों का फेवरिट। वह आई और मुझसे बेहतर निकली। हर चीज में अच्छे अंक। मुझे 50 में से 35 या 42 नंबर मिलते लेकिन उसे 49 और 50। उन्होंने कहा कि मुझे उससे नफरत होने लगी। हम दुश्मन बन गए लेकिन इसके बाद वह नफरत प्यार में बदल गई।

 

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दो दशक पहले शुरू हुई इस प्रेम कहानी के बाद दोनों एक दशक पहले जीवनसाथी बने। श्रीजेश ने पेरिस ओलंपिक में अपनी एक हॉकी स्टिक पर भी अनीश्या का नाम लिखा था। कुछ समय पहले भाषा को दिये इंटरव्यू में अनीश्या ने कहा था कि श्रीजेश के संन्यास से पत्नी के रूप में उन्हें खुशी है कि अब उनका अधिक समय मिलेगा लेकिन उनकी प्रशंसक होने के नाते वह दुखी है कि उन्हें मैदान पर नहीं देख सकेंगी। श्रीजेश ने बताया कि जब उन्होंने हॉकी खेलना शुरू किया तो मकसद अच्छी नौकरी तलाशना था जो अनीश्या के माता पिता को मनाने के लिये भी जरूरी था। उन्होंने कहा कि केरल में लड़की का पिता शादी के लिए तभी राजी होगा जब आर्थिक रूप से आप सक्षम हों।