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नई दिल्ली : जम्मू कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने बुधवार को कहा कि यह शर्मनाक है कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कामयाबी पाने के लिये सम्मानित खिलाड़ियों को न्याय की लड़ाई सड़कों पर लड़नी पड़ रही है । जम्मू कश्मीर के आखिरी राज्यपाल रहे मलिक ने कहा कि उन्होंने मंगलवार की रात ओलंपिक पदक विजेता बजरंग पूनिया से बात की और धरना स्थल पर आने का वादा किया था । देश के शीर्ष पहलवानों ने भारतीय कुश्ती महासंघ के प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह की गिरफ्तारी की मांग करते हुए रविवार को जंतर मंतर पर धरना फिर शुरू किया । बृजभूषण पर उन्होंने महिला पहलवानों को धमकाने और यौन उत्पीड़न के आरोप लगाये हैं । 

मलिक ने कहा ,‘ जब हमारी बेटियां पदक जीतती हैं और तिरंगा लहराती हैं तो उस समय हम बेशर्मों की तरह उन्हें चाय पर बुलाते हैं और उनके साथ तस्वीरें खींचते हैं लेकिन आज वे सड़कों पर हैं । हमें शर्म से डूब मरना चाहिये ।'' उन्होंने कहा ,‘‘ मैं आप सभी से उनका साथ देने की अपील करता हूं । यहां अधिक से अधिक लोगों को जुटना चाहिये ।'' व्हीलचेयर का सहारा लेने वाले मलिक ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि महिला पहलवानों को यौन उत्पीड़न के सबूत देने के लिये कहा जा रहा है । 

उन्होंने कहा ,‘‘ यह अकेले तुम्हारी लड़ाई नहीं है । यह हमारी बेटियों के सम्मान की लड़ाई है । चौधरी चरण सिंह कहते थे कि अगर कोई महिला यौन उत्पीड़न की शिकायत करती है तो उससे सवाल नहीं पूछे जाने चाहिये, सबूत नहीं मांगे जाने चाहिये । हमें उस पर विश्वास करना चाहिये ।'' विभिन्न किसान संगठन, खाप नेता, राजनेता और महिला संगठन भी पिछले तीन दिन में पहलवानों के समर्थन में धरना स्थल पर पहुंचे हैं । इस बीच पहलवानों ने कोच सुजीत मान के मार्गदर्शन में धरना स्थल पर ही अभ्यास शुरू कर दिया । बजरंग पूनिया, विनेश फोगाट, संगीता फोगाट , साक्षी मलिक और सत्यव्रत काडियान ने सुबह 7 . 30 से 8 . 45 तक अभ्यास किया ।