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खेल डैस्क : भारतीय ओलिम्पिक संघ (आई.ओ.ए.) की अध्यक्ष पी.टी. उषा ने सोमवार को एसोसिएशन के कर्मचारियों से आई.ओ.ए. मुख्यालय की दीवारों और दरवाजों पर चिपकाए गए कार्यकारी परिषद (ई.सी.) के नोटिस की प्रतियां हटाने का आग्रह किया। उषा का आदेश ई.सी. के 15 में से 9 सदस्यों द्वारा एक नोटिस प्रसारित करने के बाद आया, जिसमें "अनधिकृत व्यक्तियों" को उसके मुख्यालय में प्रवेश न करने के लिए कहा गया था। ई.सी. के अधिकांश सदस्य आई.ओ.ए. के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सी.ई.ओ.) के रूप में रघुराम अय्यर की नियुक्ति के खिलाफ हैं। वास्तव में उन्होंने जनवरी में आई.ओ.ए. सी.ई.ओ. के रूप में उषा द्वारा अय्यर की नियुक्ति को अमान्य घोषित करते हुए एक निलंबन आदेश पर हस्ताक्षर किए।

 

 

ई.सी. सदस्यों ने यह भी दावा किया कि उन्होंने आई.ओ.ए. में उषा के सहायक अजय नारंग की सेवाएं समाप्त कर दी हैं। उषा ने विद्रोही ई.सी. सदस्यों को भेजे अपने जवाब में कहा कि यह देखकर निराशा होती है कि हम अभी भी एक टीम के रूप में काम नहीं कर पा रहे हैं और आपकी हर हरकत मुझे किनारे करने की कोशिश है। मेरे पास आप सभी को यह याद दिलाने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा है कि कर्मचारियों की भर्ती और बर्खास्तगी सहित दिन-प्रतिदिन के प्रशासनिक कार्य कार्यकारी परिषद का काम नहीं है। ई.सी. के रूप में, हमें आई.ओ.ए. को ऊंचाइयों पर ले जाने के अधिक महत्वपूर्ण पहलुओं के लिए अपनी शक्तियों और अधिकारों का उपयोग करना चाहिए। 

 

 

उषा ने जोर देकर कहा कि उन्हें सी.ई.ओ. पर पूरा भरोसा है और उन्हें नियुक्त करने के निर्णय से पीछे नहीं हटेंगी। सी.ई.ओ. का वेतन 20 लाख रुपए प्रति माह और भत्ते (कुल सी.टी.सी. लगभग 3 करोड़ रुपए प्रति वर्ष) है जो उषा और कार्यकारी परिषद के अधिकांश सदस्यों के बीच विवाद का केंद्र में माना जाता है। सदस्यों ने दावा किया है कि आई.ओ.ए. अध्यक्ष ने इस मामले पर ‘एकतरफा' निर्णय लिया। आरोपों का जवाब देते हुए उषा ने कहा कि सी.ई.ओ. की नियुक्ति पर कार्यकारी परिषद की बैठक (जनवरी में) में विस्तार से चर्चा हुई थी और उसमें उपस्थित अधिकतर सदस्यों ने इसकी ‘पुष्टि' की थी।

 

उन्होंने कहा कि कार्यकारी परिषद के अधिकतर सदस्यों ने आई.ओ.ए. में धन की कमी का हवाला देते हुए सी.ई.ओ. के लिए निर्धारित पारिश्रमिक पर फिर से बातचीत की सिफारिश की और पूर्व में सहमत वेतन में 30 प्रतिशत से अधिक कटौती की गई। उषा ने कार्यकारी परिषद के सदस्यों को यह भी चेतावनी दी थी कि यदि वे अवज्ञा जारी रखते हैं तो अंतरराष्ट्रीय ओलिम्पिक समिति हस्तक्षेप कर सकती है और भारत को निलंबित कर सकती है। पेरिस ओलिम्पिक में केवल 3 महीने शेष हैं लेकिन आई.ओ.ए. में जनवरी में सार्वजनिक रूप से सामने आई थी आंतरिक कलह अभी तक जारी है।