कोलकाता : भारत के अनुभवी विकेटकीपर रिद्धिमान साहा ने गुरुवार को कहा कि अगर कोई क्रिकेटर घरेलू क्रिकेट में नहीं खेलना चाहता तो कुछ भी ‘जबरदस्ती' नहीं किया जा सकता। हालांकि उन्होंने कहा कि घरेलू क्रिकेट आधार है और हर खिलाड़ी को आगे बढ़ने के लिए इसे पर्याप्त महत्व देना चाहिए। साहा की प्रतिक्रिया इशान किशन और श्रेयस अय्यर को बुधवार को 2023-24 सत्र के लिए केंद्रीय अनुबंधित खिलाड़ियों की सूची से बाहर किए जाने के बाद आई।
भारतीय क्रिकेट बोर्ड (BCCI) ने एक बयान में कहा था कि इशान और अय्यर के नाम पर विचार नहीं किया गया। साहा ने इशान और अय्यर को बाहर किए जाने के संदर्भ में कहा कि यह बीसीसीआई का फैसला है और संबंधित खिलाड़ियों का व्यक्तिगत निर्णय है। आप जबरदस्ती कुछ नहीं कर सकते। ये दोनों खिलाड़ी हाल तक भारतीय टीम का हिस्सा थे। दोनों पिछले साल 50 ओवर के विश्व कप में भी टीम का हिस्सा थे। इशान आखिरी बार दिसंबर में भारत के दक्षिण अफ्रीका दौरे के दौरान टेस्ट टीम का हिस्सा थे जबकि अय्यर ने इंग्लैंड के खिलाफ चल रही मौजूदा श्रृंखला के पहले 2 टेस्ट खेले।
साहा ने अपना उदाहरण देते हुए कहा कि एक क्रिकेटर को हर मैच को समान महत्व देना चाहिए। उन्होंने कहा कि जब भी मैं फिट होता हूं मैं खेलता हूं, यहां तक कि मैंने क्लब मैच भी खेले हैं, कार्यालय के मैच भी खेले हैं। मैं हमेशा एक मैच को एक मैच की तरह लेता हूं। मेरे लिए सभी मैच बराबर हैं। अगर हर खिलाड़ी इस तरह से सोचता है तो वह अपने करियर में केवल समृद्ध होंगे और यह भारतीय क्रिकेट के लिए भी बेहतर होगा।
साहा ने कहा कि मुझे लगता है कि घरेलू क्रिकेट का महत्व हमेशा रहता है क्योंकि अगर मैं सरफराज खान के बारे में बात करूं तो उसने पिछले चार-पांच वर्षों में काफी रन बनाए हैं। निश्चित रूप से उसने अच्छा प्रदर्शन किया है। साहा ने इस बीच युवा विकेटकीपर बल्लेबाज ध्रुव जुरेल की बल्लेबाजी को ‘उत्कृष्ट' करार दिया।
जुरेल ने तीसरे टेस्ट में पदार्पण करते हुए 46 रन की शानदार पारी खेली और इसके बाद रांची में चौथे टेस्ट में 90 और 39 रन बनाए जिससे उन्हें मैच के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी का पुरस्कार मिला। उन्होंने कहा कि मैंने उन्हें (जुरेल) घरेलू क्रिकेट में कभी खेलते हुए नहीं देखा, यहां तक कि टेस्ट मैचों में भी मैंने उसकी पारी के मुख्य अंश देखे हैं लेकिन उसकी बल्लेबाजी शानदार है, उसने टीम के लिए पिछला टेस्ट जीता।