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इंदौर : मध्यप्रदेश क्रिकेट संगठन (एमपीसीए) के मुख्य क्यूरेटर समंदर सिंह चौहान ने मंगलवार को कहा कि महान बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर ने उन्हें इंदौर में खास तोहफे के तौर पर अपने ऑटोग्राफ वाली टी- शर्ट और जूते दिए हैं। चौहान के मुताबिक तेंदुलकर ने उन्हें यह तोहफा उस गेंद के बदले दिया जिससे ‘‘मास्टर ब्लास्टर'' ने 12 साल पहले ग्वालियर में अंतरराष्ट्रीय वनडे इतिहास का पहला दोहरा शतक जड़ा था। 

गौरतलब है कि रोड सेफ्टी वर्ल्ड सीरीज टूर्नामेंट के टी-20 मुकाबलों के सिलसिले में तेंदुलकर पिछले चार दिन से इंदौर में थे। फटाफट क्रिकेट के प्रारूप वाली इस स्पर्धा में पूर्व अंतरराष्ट्रीय क्रिकेटरों से सजी अलग-अलग देशों की टीमों के बीच मुकाबले हो रहे हैं और इसमें तेंदुलकर इंडिया लीजेंड्स टीम की अगुवाई कर रहे हैं। चौहान ने बताया कि इंडिया लीजेंड्स और न्यूजीलैंड लीजेंड्स के बीच आयोजित मैच सोमवार रात बारिश से धुलने के बाद तेंदुलकर ने उन्हें अपनी टीम के ड्रेसिंग रूम में बुलाया और खास तोहफे के रूप में जूते व अपने ऑटोग्राफ वाली टी-शर्ट दी। 

बहरहाल, तेंदुलकर के इस तोहफे से एक दिलचस्प वाकया जुड़ा है। एमपीसीए के मुख्य क्यूरेटर ने बताया कि तेंदुलकर जब अभ्यास के लिए रविवार को इंदौर के होलकर स्टेडियम पहुंचे, तो वह ग्वालियर में वर्ष 2010 में उनके द्वारा लगाए गए दोहरे शतक के कीर्तिमान से जुड़ी गेंद लेकर ‘मास्टर ब्लास्टर' के पास पहुंचे थे और उनसे इस गेंद पर ऑटोग्राफ देने की गुजारिश की थी। 

चौहान ने बताया, ‘यह गेंद देखते ही प्रफुल्लित तेंदुलकर ने मुझसे पूछा था कि क्या मैं इसे उन्हें तोहफे में दे सकता हूं? मैं तुरंत सहमत हो गया क्योंकि यह मेरे लिए सौभाग्य की बात थी।' उन्होंने बताया कि ग्वालियर में 12 साल पहले भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच खेला गया एक दिवसीय मैच खत्म होने के बाद उन्होंने तेंदुलकर के दोहरे शतक के कीर्तिमान से जुड़ी गेंद को यादगार के तौर पर सहेज कर रख लिया था। 

विकेट तैयार करने में चार दशक से ज्यादा का अनुभव रखने वाले क्यूरेटर ने बताया कि ग्वालियर के कैप्टन रूपसिंह स्टेडियम के जिस पिच पर तेंदुलकर ने यह कीर्तिमान बनाया, उसे उन्होंने ही तैयार किया था। ग्वालियर में 24 फरवरी 2010 को दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ एक दिवसीय मुकाबले में तेंदुलकर ने 147 गेंदों पर 25 चौकों और तीन छक्कों की मदद से 200 रन की नाबाद पारी खेली थी। यह एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में किसी बल्लेबाज का पहला दोहरा शतक था। इस मुकाबले में भारत ने दक्षिण अफ्रीका पर 153 रन के विशाल अंतर से जीत हासिल की थी और तेंदुलकर को मैच का सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी चुना गया था।