खेल डैस्क : टी20 विश्व कप के फाइनल में पहली बार पहुंचा दक्षिण अफ्रीका उस वक्त कमांडिंग पोजीशन में था जब टीम को आखिरी 5 ओवर में जीत के लिए सिर्फ 30 रन की ही जरूरत थी। क्रीज पर डेविड मिलर और हेनरिक क्लासेन थे। लेकिन तभी जसप्रीत बुमराह, अर्शदीप सिंह ने किफायती गेंदबाजी की। कुछ विकेट गिरे और अफ्रीकी बल्लेबाज दबाव में आ गए और सात रन से फाइनल मुकाबला गंवा दिया। भारत की यह दूसरी टी20 विश्व कप खिताबी जीत थी।
उक्त फाइनल पर दक्षिण अफ्रीका के पूर्व मुख्य कोच रसेल डोमिंगो ने दिल की बात कही है। उन्होंने कहा कि खिलाड़ियों को इस नुकसान से उबरने में लंबा समय लगेगा। विशेष रूप से वह खिलाड़ी जोकि प्रोटियाज इतिहास में अपना पहला आईसीसी फाइनल खेल रहे थे। वह मैच में प्रबल दावेदार की तरह खेले लेकिन अंत में जीतने में असफल रहे। इससे कई खिलाड़ी भावनात्मक रूप से आहत हुए। इससे उबरने में उन्हें काफी समय लगेगा क्योंकि यह आपसे बहुत कुछ छीन लेता है।
आईसीसी टूर्नामेंट में दक्षिण अफ्रीकी टीम लंबे समय से संघर्ष करती नजर आई है। शुरूआती मुकाबलों में दावेदार की तरह खेल रही अफ्रीकी टीम अक्सर नॉकआऊट मुकाबलों में हार के बाद बाहर हो जाती थी। इसे कारण क्रिकेट समुदाय में उन्हें 'चोकर्स' तक कहा जाता है। 2024 टी20 विश्व कप फाइनल इसकी एक और उदाहरण था। अफ्रीकी टीम ने पूरे आक्रमक होकर टूर्नामेंट खेला। वह अभी भी टी20 की सर्वश्रेष्ठ टीमों में से एक है। दक्षिण अफ्रीका को आगे बढ़ाने में इंडियन प्रीमियर लीग और एसए 20 ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
रसेल ने टी20 विश्व कप फाइनल पर कहा कि हम देख रहे हैं कि ये युवा खिलाड़ी आ रहे हैं और वे सीधे खेल में आ रहे हैं, जबकि शायद पहले अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में आने में थोड़ा अधिक समय लगता था। वे इसमें बहुत तेजी से शामिल हो रहे हैं और हम प्रदर्शन देख रहे हैं।