नई दिल्ली : छह महीने में दो आईसीसी खिताब जीतकर संन्यास की अटकलों को खारिज करने वाले भारतीय कप्तान रोहित शर्मा की तारीफ करते हुए उनके बचपन के कोच दिनेश लाड ने कहा कि अभी उसे वनडे विश्व कप जीतना बाकी है। लाड ने कहा, ‘निश्चित तौर पर अभी उसके भीतर काफी क्रिकेट बाकी है। आपने चैम्पियंस ट्रॉफी फाइनल की उसकी पारी देखी होगी जिसमें उसने पक्के क्रिकेट शॉट खेले और एक भी खराब शॉट नहीं था। उसने 2023 वनडे विश्व कप से पहले अपने खेल में बदलाव किया और उसका फोकस अच्छी शुरूआत देने पर ही रहा, बड़े शतकों पर नहीं ताकि टीम को फायदा हो।'
चैम्पियंस ट्रॉफी में तीसरी बार खिताब जीतने से पहले अटकलें लगाई जा रही थी कि क्या रोहित का यह आखिरी टूर्नामेंट होगा। घरेलू टेस्ट श्रृंखला में हार, ऑस्ट्रेलिया दौरे पर मिली हार के बाद रोहित के फॉर्म और फिटनेस पर सवाल उठे और उनके वजन को लेकर भी काफी बातें हुईं। पिछले साल भारत को टी20 विश्व कप दिलाने वाले रोहित ने हालांकि न्यूजीलैंड के खिलाफ फाइनल में 76 रन की पारी खेलकर टीम को जीत दिलाई।
फाइनल के बाद प्रेस कांफ्रेंस में उन्होंने साफ तौर पर कहा कि वह अभी संन्यास लेने नहीं जा रहे। लाड ने कहा, ‘जब उसने टी20 विश्व कप जीतने के बाद उस प्रारूप से विदा ली तो मुझे पता था कि उसे दो टूर्नामेंट अभी और जीतनी थी। एक विश्व टेस्ट चैम्पियनशिप फाइनल और दूसरा वनडे विश्व कप। दुर्भाग्य से इस बार हम डब्ल्यूटीसी फाइनल में नहीं पहुंच सके लेकिन अभी वनडे विश्व कप 2027 में होना है और उसका यह सपना पूरा हो सकता है।'
उन्होंने कहा, ‘2009 से 2011 तक उसका फॉर्म उतना अच्छा नहीं था जिससे उसे 2011 विश्व कप टीम में जगह नहीं मिली। उसके बाद उसने वनडे में तीन दोहरे शतक लगाए। टेस्ट में पदार्पण में शतक लगाया। टी20 में रिकॉर्ड बनाया।' उन्होंने कहा, ‘वनडे विश्व कप 2019 में उसके पांच शतक जमाने के बावजूद भारत सेमीफाइनल में हार गया। वह हारने के बाद काफी दुखी था। 2023 में दस मैच जीतने के बावजूद आखिरी बाधा पार नहीं कर पाये और एक बार फिर खिताब से चूक गया। मुझे लगता है कि वह 2027 विश्व कप खेल सकता है।'
बरसों पहले स्वामी विवेकानंद इंटरनेशनल स्कूल में क्रिकेट के कारण रोहित को लेकर आये लाड इस बात से काफी प्रभावित हैं कि सोशल मीडिया ट्रोलिंग, आलोचना और वजन को लेकर टिप्पणी के बावजूद रोहित अविचलित रहे। उन्होंने कहा, ‘रोहित ने इस पर ध्यान ही नहीं दिया। उसने सुपरस्टार्स से भरी भारतीय टीम की जिस तरह से कप्तानी की, वह काबिले तारीफ है। उसने हर मैच में अच्छे बदलाव किए, बल्लेबाजी में अच्छी शुरूआत दी।'
उन्होंने कहा कि उसका सबसे बड़ा गुण उसका आत्मविश्वास है। उन्होंने बताया, ‘एक बार मुंबई में एक महत्वपूर्ण स्कूली मैच के दौरान 240 रन के लक्ष्य का पीछा करते हुए हमने चार विकेट 30 रन पर गंवा दिए थे। मैने उससे कहा कि हमें यह मैच जीतना ही है तो उसका जवाब था कि मुझ पर भरोसा रखिये, हम जीतेंगे। उसने 160 रन बनाए और हम वह मैच जीत गए।'
लाड ने कहा, ‘एक और किस्सा है जब वह छोटा ही था और मुंबई अंडर 19 के लिए चुना गया था। एक जगह मर्सीडीज पार्किंग में खड़ी थी और उसने मुझसे कहा कि एक दिन मैं यह गाड़ी खरीदूंगा। मैने उससे कहा कि पता है कि यह कितनी महंगी कार है लेकिन आज उसके पास ऐसी कई कारें हैं। यह बताता है कि उसे शुरू से विश्वास था कि अपनी तकदीर वह खुद लिखेगा।'