बेंगलुरु : भारत के कप्तान रोहित शर्मा ने कहा कि बेंगलुरु में पहले टेस्ट के तीसरे और चौथे दिन ऋषभ पंत को विकेटकीपिंग नहीं करने देने का फैसला अतिरिक्त सतकर्ता के तहत हाल ही में उनके दोनों घुटनों की सर्जरी को ध्यान में रखते हुए लिया गया था। रोहित ने रविवार को न्यूजीलैंड से मिली आठ विकेट से हार के बाद कहा कि उनके पैर का बड़ा ऑपरेशन हुआ है, इसलिए हम सभी जानते हैं कि वह किस दौर से गुजरे हैं। यह हमारे लिए केवल थोड़ा सावधान रहने की जरूरत है कि वह कहां हैं और क्या कर रहे हैं। यहां तक कि जब वह बल्लेबाजी कर रहे थे तब भी वह आराम से दौड़ नहीं पा रहे थे। वह सिर्फ गेंद को स्टैंड में भेजने का प्रयास कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि उनकी कई छोटी सर्जरी हुई हैं, उनके घुटने की एक बड़ी सर्जरी हुई है और ईमानदारी से कहें तो पिछले डेढ़ साल में वह काफी सदमे से गुजरे हैं। तो यह केवल अतिरिक्त सावधानी बरतने के बारे में है। जब आप कीपिंग कर रहे होते हैं, तो आपको अपने घुटने हर गेंद से पहले मोड़कर रखना होता है हमने सोचा कि उसके लिए यही सही है कि वह मैदान से बाहर रहे और 100 प्रतिशत सही होने पर वापसी करे।
रोहित ने मुस्कुराते हुए कहा कि ईमानदारी से कहूं तो कोई नहीं जानता कि उसके दिमाग में क्या चल रहा है। वह तय करता है कि उसे क्या करना है। मुझे नहीं लगता कि आपको उससे कुछ भी बात करने की ज़रूरत है। हमने उनसे इस बारे में बात की कि कृपया स्थिति और इस तरह की चीज़ों को समझें, लेकिन वह ऋषभ है। वह एक निश्चित तरीके़ से खेलना चाहता है और फिर एक कप्तान के रूप में, एक कोच के रूप में, हम उसका समर्थन करना चाहते हैं क्योंकि जैसे उसने हमारे लिए परिणाम दिए। वह मानसिकता है, इसलिए हम उसे स्वतंत्र रूप से खेलने देते हैं।
उल्लेखनीय है कि टेस्ट के दूसरे दिन न्यूजीलैंड की पारी के 37वें ओवर में डेवन कॉन्वे को स्टंप करने का प्रयास करते समय गेंद पंत के दाहिने घुटने में लगी थी और वह मैदान से बाहर चले गए। पंत दर्द से कराहते दिखे और और ध्रुव जुरेल को विकेटकीपिंग के लिए बुलाया गया। चौथे दिन वह बल्लेबाजी करने उतरे और तीन घंटे से अधिक समय तक बल्लेबाजी करते हुए 105 गेंदों पर 99 रन बनाए। हालांकि कई बार उन्हें लड़खड़ाते हुए भी देखा गया। न्यूज़ीलैंड की दूसरी पारी में वह एक बार फिर विकेटकीपिंग नहीं करते दिखे।