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स्पोर्ट्स डैस्क : भारतीय क्रिकेट टीम ने शुक्रवार को डोमिनिका में खेले गए पहले टेस्ट के तीसरे दिन वेस्टइंडीज पर एक पारी और 141 रन की शानदार जीत दर्ज की। भारत की इस जीत में नवोदित यशस्वी जायसवाल के शानदार प्रदर्शन करते हुए 171 रनों की बेहतरीन पारी खेली और फिर पुराने योद्धा रविचंद्रन अश्विन ने 12 विकेट लेकर भारत की जीत पर मुहर लगाई। इसके अलावा पूर्व कप्तान विराट कोहली भी इस पार्टी में शामिल हुए और 76 रनों की उपयोगी पारी खेली। भारत ने पहली पारी पांच विकेट पर 421 रन बनाकर घोषित किया और फिर अश्विन एंड कंपनी ने वहां से कमान संभालते हुए मेजबान टीम को दूसरी पारी में केवल 130 रन पर ऑल आउट कर दिया।

अश्विन हमेशा सीखने के लिए तैयार रहते हैं

भारत के पूर्व विकेटकीपर सबा करीम, जो अब जिओजिनेमा पर बतौर एक्सपर्ट काम कर रहे हैं, ने अश्विन के प्रयासों की प्रशंसा करते हुए कहा, “अश्विन हमेशा सीखने के लिए तैयार रहते हैं और यही बात इस खिलाड़ी को दूसरों से अलग करती। यह उनकी एक उल्लेखनीय और अनुकरणीय विशेषता है। इस मैच में भी, आपने देखा होगा कि वह बल्लेबाजों की कमजोरी को तुरंत भांपने में सक्षम थे और फिर उन्हें अपनी फिरकी में फंसाने कोशिश करते दिखे। आप उन्हें रणनीति के अनुसार एंगल बदलते हुए देख सकते थे।" 

अश्विन एक दशक से अधिक समय से अंतरराष्ट्रीय सर्किट में सक्रिय हैं। और करीम अपने खेल में नए आयाम लाने की उनकी चाह से रोमांचित हैं। उन्होंने कहा, "एक ऑफ स्पिन गेंदबाज के रूप में वह अपने शस्त्रागार में कई नई चीजें जोड़ते रहते हैं और मुझे लगता है कि युवा स्पिनरों के लिए उनसे सीखने के लिए बहुत कुछ है।"

ओझा ने भी की प्रशंसा

अश्विन उस टीम का हिस्सा नहीं थे जिसने हाल ही में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ विश्व टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल खेला था। जियोसिनेमा पर बतौर एक्सपर्ट काम कर रहे एक अन्य पूर्व भारतीय क्रिकेटर प्रज्ञान ओझा का मानना है कि अश्विन ने अपने परफॉर्मेंस से इस बात का जवाब दिया है कि उन्हें टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल में होना चाहिए था। उन्होंने कहा, “जब चैंपियन खिलाड़ियों को वह सब नहीं दिया जाता जो वे चाहते या जिसके वे हकदार हैं तो वे इसे लेकर अपनी भावना को अलग तरीके से प्रकट करते हैं। सबसे अच्छी बात यह है कि जब अश्विन को अगले मैच मौका मिला, तो उन्होंने आकर 12 विकेट लिए और दिखाया कि वह नंबर-1 स्पिनर क्यों हैं। बात करने के बजाय खुद को साबित करने का यह सबसे अच्छा तरीका है।”

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इस बीच, यशस्वी जयसवाल ने इस मैच में जबरदस्त प्रभाव डाला और अपने सामने आए मौके को दोनों हाथों से भुनाया। जायसवाल के परफार्मेंस के बारे में करीम ने कहा, “सच्चाई यह है कि वह तीनों दिन खेले। उन्होंने यहां विभिन्न परिस्थितियों में विकेट पर टिके रहकर दिखाया। वह अलग-अलग कंडीशन में, अलग-अलग सिनेरियो में खेलते रहे और इस दौरान वह एक माहिर बल्लेबाज की तरह खेले। एक युवा बल्लेबाज को ऐसा करते हुए देखना अच्छा लगता है। ऐसा लग रहा था कि वह इस तरह के टेस्ट मैच के लिए अच्छी तरह से तैयार होकर आए थे।''