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लाहौर : पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) के नए अध्यक्ष के चुनाव की प्रक्रिया में देरी हो सकती है क्योंकि पूर्व प्रबंधन समिति के दो सदस्यों ने लाहौर उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है। लाहौर उच्च न्यायालय सोमवार को पीसीबी प्रबंधन समिति के पूर्व सदस्यों शकील शेख और गुल जादा द्वारा जका अशरफ को अध्यक्ष के तौर पर नियुक्त करने वाली चुनाव प्रक्रिया और नए प्रमुख का चुनाव करने वाले ‘बोर्ड ऑफ गवर्नर्स (बीओजी)' की वैधता के खिलाफ दायर दो याचिकाओं पर सुनवाई करेगा। 

याचिकाकर्ताओं ने न्यायाधीश से अध्यक्ष के चुनाव पर रोक लगाने और बीओजी को तब तक निलंबित करने का अनुरोध किया है जब तक कि उनकी याचिकाओं पर फैसला नहीं आ जाता है। बोर्ड के एक सूत्र ने कहा, ‘यह एक मुश्किल स्थिति है क्योंकि चुनाव आयुक्त और बोर्ड के निवर्तमान अध्यक्ष ने ‘बोर्ड ऑफ गवर्नर्स' में किए गए बदलावों के बाद नये अध्यक्ष के लिए चुनाव कराने की तारीख 27 जून निर्धारित की है।' 

अशरफ 2012 में जब पीसीबी अध्यक्ष बने थे तब भी उन्हें अपने पूर्ववर्ती नजम सेठी से इसी तरह की कानूनी चुनौतियों का सामना करना पड़ा था। उस समय देश के सर्वोच्च न्यायालय ने उन्हें एक बार अपना पद छोड़ने का आदेश भी दे दिया था। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री पीसीबी के प्रमुख संरक्षक होते हैं। वह बीओजी के लिए दो उम्मीदवारों को नामांकित करते हैं और उनमें से एक को अध्यक्ष के रूप में चुना जाता है। 

निवर्तमान अध्यक्ष सेठी के चुनावी दौड़ से हटने के बाद प्रधानमंत्री ने पीसीबी की बीओजी में जका अशरफ और मुस्तफा रामदे को अपने उम्मीदवार के रूप में नामित किया। पाकिस्तान क्रिकेट में अनिश्चितता ऐसे समय में आई है जब आईसीसी (अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद) और बीसीसीआई (भारतीय क्रिकेट बोर्ड) मंगलवार को वनडे विश्व कप के कार्यक्रम की घोषणा करने वाले हैं। 

बोर्ड के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, 'अगर लाहौर उच्च न्यायालय आज याचिकाओं पर कोई स्थगन आदेश जारी करता है तो यह पाकिस्तान क्रिकेट के लिए एक बुरी स्थिति होगी। ऐसे समय में जब पीसीबी को आईसीसी और बीसीसीआई से कई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है, एक निर्वाचित अध्यक्ष होना अहम है।'