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कराची : पाकिस्तान हॉकी महासंघ (पीएचएफ) भुवनेश्वर में 24 नवंबर से पांच दिसंबर के बीच होने वाले एफआईएच जूनियर विश्व कप में भाग लेने के प्रति आश्वस्त है। वीजा मामलों के कारण वह भारत में खेली गयी पिछली प्रतियोगिता में हिस्सा नहीं ले पाया था। 

पीएचएफ के अध्यक्ष ब्रिगेडियर (सेवानिवृत) खालिद सज्जाद खोकर ने कहा कि विश्व हॉकी संस्था (एफआईएच) द्वारा देर से सूचित करने के बावजूद महासंघ ने वीजा प्रक्रिया के लिये भारतीय उच्चायोग को सभी जरूरी दस्तावेज समय पर भेज दिए हैं। उन्होंने कहा, ‘हम नहीं चाहते कि पिछली बार जब 2016 में भारत ने जूनियर विश्व कप की मेजबानी की थी, तब जो कुछ हुआ उसकी पुनरावृत्ति हो। हमने अब सभी दस्तावेज सौंप दिए हैं और मेजबान देश के पास जरूरी वीजा जारी करने के लिये पर्याप्त समय है।' 

पाकिस्तान की टीम 2016 में जूनियर विश्व कप में भाग नहीं ले पाई थी क्योंकि भारतीय उच्चायोग ने यात्रा दस्तावेज देर से सौंपने के कारण वीजा देने से इन्कार कर दिया था। खोकर ने कहा, ‘इस बार हमने पहले ही पाकिस्तान खेल बोर्ड और संबंधित विभागों से अनापत्ति प्रमाणपत्र ले लिये हैं और हम उनसे लगातार संपर्क में हैं। हमने उनसे टूर्नामेंट के लिए सही समय पर वीजा हासिल करने में मदद करने का भी अनुरोध किया है।' 

उन्होंने कहा, ‘हमें विश्वास है कि इस बार कोई गड़बड़ी नहीं होगी और हमारी टीम को विश्व कप के लिए सर्वश्रेष्ठ सुरक्षा दी जाएगी।' पीएचएफ के सचिव आसिफ बाजवा ने कहा कि एफआईएच ने उन्हें देर से सूचित किया कि भारतीय वीजा प्राप्त करने के लिए आवेदन जमा करने की अंतिम तिथि 24 सितंबर है। उन्होंने कहा, ‘मैंने एफआईएच से बात की कि पीएचएफ के लिये इतने कम समय में अपने खिलाड़ियों और अधिकारियों के लिये वीजा के लिए आवेदन करना कैसे संभव होगा।' 

बाजवा ने कहा, ‘मैंने एफआईएच अध्यक्ष नरिंदर बत्रा से भी फोन पर बात की और उन्होंने आश्वासन दिया कि एफआईएच पाकिस्तान को वीजा दिलाने में मदद करेगा।' बाजवा ने कहा कि भारतीय वीजा हासिल करने के लिये कम से कम 60 दिन चाहिए और पीएचएफ ने 28 सितंबर को 25 खिलाड़ियों और नौ अधिकारियों के नाम हॉकी इंडिया और एफआईएच दोनों को भेज दिए थे। पाकिस्तान की कोई हॉकी टीम आखिरी बार 2018 में भारत आई थी। तब उसने पुरुष विश्व कप में हिस्सा लिया था।