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नई दिल्ली : भारतीय पिस्टल टीम के लंबे समय से चले आ रहे विदेशी कोच पावेल स्मिरनोव का मानना है कि तोक्यो ओलंपिक में उनके एक या दो या तीन नहीं बल्कि सभी निशानेबाज स्वर्ण पदक सहित अन्य पदक जीतने में सक्षम हैं। हाल के वर्षों में भारतीय निशानेबाजों ने शानदार सफलता हासिल की है और ऐसे में आगामी ओलंपिक में भारतीय निशानेबाजों से काफी उम्मीदें रहेंगी विशेषकर बेहद प्रतिभाशाली युवा पिस्टल निशानेबाजों से जिसमें सौरभ चौधरी और मनु भाकर शामिल हैं।

अभिषेक वर्मा और यशस्विनी सिंह देसवाल भी पदक के दावेदार हैं जबकि अनुभवी राही सरनोबत टीम को मजबूती प्रदान करती हैं। स्मिरनोव ने कहा, ‘‘उनमें से प्रत्येक निशानेबाज पोडियम पर जगह बना सकता है और वर्षों से मैंने भारतीय निशानेबाजी को देखा है। अपने दिन वे शीर्ष स्तर पर पदक जीत सकते हैं। स्वर्ण पदक भी। भारतीय निशानेबाजी टीम 2016 रियो खेलों में पदक जीतने में नाकाम रही थी जो स्तब्ध करने वाला नतीजा था जिसके बाद ओलंपिक चैंपियन अभिनव बिंद्रा की अगुआई में समीक्षा समिति की सिफारिशों पर भारतीय निशानेबाजी ढांचे में आमूलचूल बदलाव किए गए थे।

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लंदन ओलंपिक 2012 में 25 मीटर रेपिड फायर पिस्टल में रजत पदक जीतने के दौरान विजय कुमार को कोचिंग देने वाले स्मिरनोव को इसके बाद राष्ट्रीय पिस्टल टीम का विदेशी कोच नियुक्त किया गया। उनके मार्गदर्शन में हालांकि जीतू राय जैसे अनुभवी निशानेबाज पांच साल पहले रियो में पदक जीतने में नाकाम रहे। स्मिरनोव ने हालांकि कहा कि अब तोक्यो ओलंपिक को देखने का समय है। उन्होंने कहा कि मुझे इस टीम से काफी उम्मीदें हैं। वे अच्छा प्रदर्शन करने में हकदार हैं क्योंकि उन्होंने काफी बलिदान दिए हैं, कम उम्र में परिपक्वता दिखाई है और पिछले चार साल में बेहद कड़ी मेहनत की है। हमारे लिए खेलों में काफी अच्छे नतीजे हासिल नहीं कर पाने का कोई कारण नहीं है। इस कोच को अब रियो 2016 की विफलता नहीं सालती। 

उन्होंने कहा कि अतीत को कुरेदने का कोई कारण नहीं है। यह हमारे नियंत्रण में नहीं है। हमारे नियंत्रण में यह है कि हम भविष्य में क्या कर सकते हैं और फिलहाल हम यही सोच रहे हैं। पिछले खेलों की तुलना में इस बार महामारी के कारण ओलंपिक खेलों के लिए कोचिंग स्टाफ की संख्या में कटौती की गई है। विदेशी राइफल कोच ओलेग मिखाइलोव के साथ हालांकि स्मिरनोव पूरे खेलों के दौरान टीम के साथ रहेंगे जबकि अन्य कोचों को खेलों के लिए अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति के अधिकतम 30 प्रतिशत कोचिंग स्टाफ के नियम के तहत रोटेट किया जाएगा। 

वीजा मिलने में देरी के कारण स्मिरनोव राष्ट्रीय निशानेबाजी टीम के साथ 11 मई को जागरेब नहीं जा पाए थे लेकिन अब वह क्रोएशिया की राजधानी में अपने खिलाड़ियों को ट्रेनिंग दे रहे हैं। तोक्यो ओलंपिक 23 जुलाई से आठ अगस्त तक खेले जाएंगे और भारतीय निशानेबाजी टीम को प्रतिनिधित्व रिकॉर्ड 15 निशानेबाज करेंगे।

ओलंपिक टीम में चयन के लिए कड़ी मेहनत की जरूरत : लिलिमा मिंज 

बेंगलुरू : भारतीय महिला हॉकी टीम की अनुभवी मिडफील्डर लिलिमा मिंज ने गुरुवार को कहा कि कई युवा प्रतिभाओं के सामने आने से टीम में स्वस्थ प्रतिस्पर्धा है और उन्हें लगातार दूसरे ओलंपिक खेलों में जगह बनाने के लिये अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करना होगा। भारतीय मध्यपंक्ति की प्रमुख खिलाड़ी लिलिमा ने 2016 रियो ओलंपिक खेलों में हिस्सा लिया था। तब भारतीय महिला टीम ने 36 वर्षों बाद इन खेलों के लिये क्वालीफाई किया था। इसके बाद से लिलिमा टीम की नियमित सदस्य हैं और अब तक भारत की तरफ से 133 मैच खेल चुकी हैं।

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लिलिमा ने कहा कि इस राष्ट्रीय शिविर में कई युवा खिलाड़ी हैं जिनके कारण टीम में स्वस्थ प्रतिस्पर्धा पैदा हुई है। अंतिम टीम में जगह बनाने के लिये अच्छी प्रति​स्पर्धा है और यदि मुझे टीम में जगह सुरक्षित करनी है तो कड़ी मेहनत करनी होगी और खुद को साबित करना होगा। ओडिशा के सुंदरगढ़ की रहने वाली इस 27 वर्षीय खिलाड़ी ने कहा कि इससे मुझे अच्छा प्रदर्शन करने की प्रेरणा मिलती है क्योंकि ओलंपिक में खेलना प्रत्येक खिलाड़ी का सपना होता है और मैं जानती हूं कि हमारी सभी खिलाड़ी ऐसा कर रही हैं। 

तोक्यो पैरालंपिक में स्वर्ण पदक जीतना विशेष होगा - कृष्ण नागर 

चोटी के पैरा बैडमिंटन खिलाड़ी कृष्ण नागर को तोक्यो 2020 पैरालंपिक के लिये क्वालीफाई करने पर गर्व है और वह 24 अगस्त से पांच सितंबर के बीच होने वाले खेलों में स्वर्ण पदक जीतकर इसे यादगार बनाना चाहते हैं। नागर (एसएच 6) के अलावा प्रमोद भगत (एसएल 3) और तरुण ढिल्लौं (एसएल 4) को तोक्यो 2020 पैरा खेलों में भाग लेने के लिए विश्व बैडमिंटन महासंघ (बीडब्ल्यूएफ) से आधिकारिक न्योता मिला है। एसएल 3 निचले अंगों की सामान्य दुर्बलता तो एसएल 4 निचले अंगों की गंभीर दुर्बलता को दर्शाता है। एसएच 6 छोटे कद के संदर्भ में उपयोग किया जाता है।

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भारतीय पैरालंपिक समिति के अनुसार नागर ने कहा कि यह मेरे लिये गौरवशाली क्षण है कि मैं तब पैरालंपिक खेलों का हिस्सा बनूंगा जबकि पैरा बैडमिंटन इसमें पदार्पण करेगा। मैं स्वर्ण पदक जीतकर इसे यादगार बनाने की कोशिश करूंगा। मेरा एकमात्र लक्ष्य पहला स्थान हासिल करना है। 

इन तीनों खिलाड़ियों ने बीडब्ल्यूएफ की अपनी ​वर्तमान विश्व रैंकिंग के आधार पर तोक्यो ओलंपिक में जगह बनायी। नागर ने कहा, ''कोविड-19 महामारी विश्व में चिंता और संकट बढ़ा रही है ऐसे में मुझे उम्मीद है कि तोक्यो 2020 में पदक से हमारे देशवासियों को कुछ खुशी मिलेगी। यह भावी पैरा खिलाड़ियों के लिये भी प्रेरणा का काम करेगा। राजस्थान के 21 वर्षीय नागर ने अप्रैल में दुबई में पैरा बैडमिंटन अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट में दो स्वर्ण पदक जीते थे।