नई दिल्ली : ओलंपिक पदक विजेता बैडमिंटन खिलाड़ी साइना नेहवाल ने भारतीय खिलाड़ियों को अंतरराष्ट्रीय बैडमिंटन की मांगों पर खरा उतरने और प्रदर्शन में निरंतरता लाने के लिए अपनी शारीरिक फिटनेस बेहतर करने की सलाह दी है। लंदन ओलंपिक 2012 की कांस्य पदक विजेता साइना ने बताया कि मौजूदा पीढ़ी के लिए चोटें आम बात हो गई है और महिला एकल खिलाड़ियों की नई जमात में आक्रामकता का अभाव है।
लीजैंड्स विजन लीगेसी टूर इंडिया के लिए शहर में आई साइना ने कहा, ‘हमें प्रदर्शन में निरंतरता लानी होगी। हमे सात्विक-चिराग, लक्ष्य या सिंधू या आने वाले खिलाड़ियों से लगातार अच्छे प्रदर्शन की उम्मीद है। हमे नतीजे चाहिए। उन्हें अच्छे ट्रेनर और फिजियो देखने चाहिए। अगर शरीर 100 फीसदी फिट है तो कोचिंग कठिन नहीं है। लगातार खिताब जीतने के लिए शरीर को मजबूत बनाने की कवायद में अधिक ट्रेनर और फिजियो पर फोकस करना होगा।'
साइना ने कहा, ‘विक्टर एक्सेलसेन ने यही किया और कैरोलिना मारिन ने भी। मानसिक तैयारी तो सभी की अच्छी होती है लेकिन शारीरिक तौर पर और बेहतर होने की जरूरत है।' लक्ष्य सेन ने 2025 सत्र में पहला खिताब जीता जब उन्होंने ऑस्ट्रेलियाई ओपन सुपर 500 फाइनल में जापान के युशी तनाका को हराया। साइना ने कहा, ‘जीत तो जीत है जिससे आत्मविश्वास बढ़ता है। उसने इस टूर्नामेंट में अच्छा प्रदर्शन किया है। यह अच्छा संकेत है कि वह फॉर्म में लौट रहा है।'
उन्होंने कहा, ‘उसने ओलंपिक में अच्छा खेला था और यहां भी। एक खिलाड़ी के तौर पर प्रशंसा और आलोचना दोनों का सामना करना पड़ता ही है। वह शीर्ष स्तर पर है और उससे लगातार जीत की अपेक्षा रहती है। वह इस समय हमारा सर्वश्रेष्ठ पुरूष खिलाड़ी है लिहाजा अतिरिक्त दबाव है लेकिन वह अच्छा खेल रहा है।'
साइना और पी वी सिंधू ने कम उम्र से ही अंतरराष्ट्रीय खिताब जीतने शुरू कर दिये थे लेकिन महिला वर्ग में मौजूदा पीढ़ी की खिलाड़ी उस तरह का प्रभाव नहीं छोड़ पाई है। साइना ने कहा, ‘शायद इस पीढ़ी में आक्रामकता कम है। मैं और सिंधू अधिक आक्रामक और ताकतवर थे। हम जब 18 बरस के हुए, तब तक अच्छे नतीजे मिलने लगे थे।'