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कोलकाता : 6 बार की विश्व चैम्पियन मुक्केबाज एमसी मैरीकोम का मानना है कि चाहे खेल हो या चिकित्सा विज्ञान किसी भी पेशे में चैम्पियन की पहचान दबाव वाली स्थिति से निपटने से होती है। यहां मिलनमेला मैदान में 65वीं अखिल भारतीय प्रसूति एवं स्त्री रोग कांग्रेस में बोलते हुए मैरीकोम ने कहा कि डॉक्टरों और खिलाडिय़ों की अलग-अलग भूमिकाएं, गतिविधियां और जिम्मेदारियां हो सकती हैं लेकिन बलिदान दोनों के लिए समान हैं। आप दिन रात - 24 घंटे बलिदान करते हैं।
उन्होंने कहा कि सर्जरी सफल नहीं होने की स्थिति में डॉक्टर बहुत तनाव और हताशा से गुजरते हैं और अगर मैं एक मैच नहीं जीतती तो आपको समझना चाहिए कि इसे पचाना कितना मुश्किल होता है। हमारे काम में बहुत संघर्ष होता है।