सिडनी: इंग्लैंड के पूर्व कप्तान माइकल वॉन ने ऑस्ट्रेलिया के अनुभवी बल्लेबाज उस्मान ख्वाजा को लेकर बड़ा बयान दिया है। वॉन का मानना है कि ख्वाजा को अपना संन्यास खुद अपनी शर्तो पर लेना चाहिए, न कि चयनकर्ताओं के दबाव में। उन्होंने कहा कि 4 जनवरी से सिडनी क्रिकेट ग्राउंड (SCG) में शुरू होने वाला पांचवां एशेज टेस्ट, ख्वाजा के करियर का आदर्श विदाई मुकाबला हो सकता है।
ख्वाजा का 88वां टेस्ट
ख्वाजा के भविष्य को लेकर अटकलें तेज हैं कि इंग्लैंड के खिलाफ SCG में खेला जाने वाला उनका 88वां टेस्ट, ऑस्ट्रेलिया के लिए आखिरी मैच हो सकता है। तीसरे एशेज टेस्ट के दौरान 39 साल के हो चुके ख्वाजा ने मिडिल ऑर्डर में आकर भरोसेमंद प्रदर्शन किया है। हालांकि, चयनकर्ता ऑस्ट्रेलियाई टेस्ट टीम में युवा खिलाड़ियों को जगह देने के दबाव में हैं, ऐसे में सिडनी टेस्ट को उनका संभावित फेयरवेल माना जा रहा है।
खुद तय करें अपना भविष्य: माइकल वॉन
द सिडनी मॉर्निंग हेराल्ड से बातचीत में वॉन ने कहा, 'मैं उस्मान से यही कहूंगा कि किसी और को यह तय न करने दें कि उनका अंत कैसे हो। इतने लंबे समय तक खेलने वाले खिलाड़ी को यह हक होना चाहिए कि वह खुद अपना भविष्य तय करे।'
वॉन ने आगे कहा कि ख्वाजा का करियर शानदार रहा है और बहुत कम खिलाड़ियों को अपने घरेलू मैदान पर, एशेज जैसी प्रतिष्ठित सीरीज में विदाई लेने का मौका मिलता है। 'अगर वह ऐसा नहीं करते, तो जोखिम है कि उनका करियर उनकी शर्तो पर खत्म नहीं होगा। एशेज सीरीज में, अपने होम ग्राउंड पर अलविदा कहना इससे बेहतर कुछ नहीं हो सकता।'
सिडनी में एशेज टेस्ट के साथ विदाई
वॉन ने यह भी जोड़ा कि अगर ख्वाजा के अंदर अभी खेलने की ऊर्जा और जज़्बा है, तो वह आगे भी खेल सकते हैं। लेकिन वॉन के मुताबिक, सिडनी में एशेज टेस्ट के साथ विदाई लेना एक आदर्श परिदृश्य होगा। साथ ही उन्होंने संकेत दिया कि आने वाले समय में मैट रेनशॉ, नाथन मैकस्वीनी, कैंपबेल केलावे और ओली पीक जैसे युवा खिलाड़ियों को ऑस्ट्रेलियाई टीम में शामिल किया जाना चाहिए।
इंग्लैंड टीम और मैनेजमेंट पर दबाव
माइकल वॉन ने इंग्लैंड टीम की स्थिति पर भी खुलकर बात की। उन्होंने कहा कि सिडनी टेस्ट का नतीजा ब्रेंडन मैकुलम और बेन स्टोक्स की लीडरशिप जोड़ी के भविष्य को भी प्रभावित कर सकता है। 'इस मैनेजमेंट को आगे बढ़ने के लिए यहां एक मजबूत टेस्ट जीतना बेहद जरूरी है- ऐसा मैच जो दो दिन में खत्म न हो।'
वॉन ने माना कि टीम के भीतर मैकुलम को बनाए रखने की इच्छा है, लेकिन अगर इंग्लैंड को सिडनी में करारी हार मिलती है, तो ईमानदार बातचीत जरूरी होगी। 'अगर वे यह मानने को तैयार नहीं हैं कि इस दौरे पर उनसे कई गलतियां हुई और इसे सिर्फ बदकिस्मती मानते रहे, तो आगे समस्या खड़ी हो सकती है।' उन्होंने निष्कर्ष निकालते हुए कहा कि बार-बार बदलाव समाधान नहीं है, बल्कि टीम को खेल और बयान दोनों में परिपक्वता दिखानी होगी। अगर ऐसा होता है, तो मौजूदा मैनेजमेंट के बने रहने में उन्हें कोई दिक्कत नहीं दिखती।