Sports

ब्रिजटाउन (बारबाडोस) : वेस्टइंडीज के महान बल्लेबाज और टी20 विश्व कप के दूत क्रिस गेल ने टूर्नामेंट के अमेरिका चरण में कम स्कोर वाले मैचों के लिए पिचों को जिम्मेदार ठहराया जो ‘ड्राप इन' के बाद पूरी तरह तैयार नहीं हो सकीं। आईसीसी (अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद) के मुताबिक न्यूयॉर्क के नासाउ काउंटी स्टेडियम में ड्रॉप-इन पिचों का इस्तेमाल किया गया था। इन पिचों को ऑस्ट्रेलिया के एडिलेड में तैयार कर दिसंबर 2023 में फ्लोरिडा लाया गया था।

गेल ने कहा कि लंबी उड़ान के बाद पिच ‘जेट लेग' से उबर नहीं पाई थीं। ‘जेट लेग' का आमतौर पर मतलब लंबी उड़ान या यात्रा से होने वाली थकान होता है, गेल का मानना था कि न्यूयॉर्क की पिचों को ‘ड्राप इन' के बाद तैयार होने का पूरा समय नहीं मिला। फ्लोरिडा से ट्रकों की मदद से इन पिचों को न्यूयॉर्क लाया गया था। ये पिचें टूर्नामेंट के दौरान बल्लेबाजी के लिए कठिन विकेटों में से एक साबित हुई थी।

 

गेल ने शुक्रवार को यहां एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि इसमें कोई शक नहीं कि यह कम स्कोर वाला विश्व कप रहा है और कभी-कभी विकेट भी धीमा हो जाता है। यह बल्लेबाजों का प्रारूप है... लेकिन इस टूर्नामेंट में समय-समय पर गेंदबाजों को बढ़त मिलती रही है। इस टी20 विश्व कप पर गेंदबाजों का काफी नियंत्रण रहा है। उन्होंने कहा कि हम बेहतर पिचें देखना पसंद करेंगे। अमेरिका की पिचें ‘जेट लेग' की तरह थीं। पिचों को ऑस्ट्रेलिया से लाने के बाद परिस्थितियों से तालमेल बिठाने का समय नहीं मिला। इसलिए हमने कुछ कम स्कोर वाले मैच देखे।

वेस्टइंडीज के पूर्व कप्तान ने हालांकि अमेरिका में खेल को बढ़ावा देने के प्रयासों के लिए आईसीसी की सराहना की। उन्होंने कहा कि आईसीसी ने शानदार काम किया। ट्रॉफी का अमेरिका दौरा और फिर वहां मैचों के आयोजन से खेल को बढ़ावा देना शानदार है। उन्होंने क्रिकेट को उस जगह पहुंचाया जहां फुटबॉल, बास्केटबॉल और बेसबॉल काफी लोकप्रिय है। उन्होंने मार्केटिंग के दृष्टिकोण से बहुत अच्छा काम किया है। उन्होंने भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच खेले जाने वाले फाइनल मैच के बारे में कहा कि बारबाडोस का मैदान बल्लेबाजी के लिए उपयुक्त है। गेल ने कहा कि इस टूर्नामेंट में बारबाडोस बल्लेबाजों के लिए सबसे बेहतर जगह साबित हुआ है। उम्मीद है कि फाइनल में यहां बल्लेबाज रन बनाएंगे।