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केपटाउन : भारतीय कप्तान विराट कोहली ने सोमवार को स्पष्ट किया कि मौजूदा टीम प्रबंधन खराब फॉर्म में चल रहे सीनियर खिलाड़ियों चेतेश्वर पुजारा और अजिंक्य रहाणे को बाहर करने के बारे में नहीं सोच रहा है क्योंकि केवल बातचीत से किसी खिलाड़ी पर ‘बदलाव' थोपा नहीं जा सकता है। इन दोनों सीनियर बल्लेबाजों ने दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ दूसरे टेस्ट मैच में अर्धशतक जमाकर कुछ फॉर्म हासिल की लेकिन लंबे समय से रन बनाने के लिए जूझने के कारण सवाल उठ रहे हैं क्या यह श्रेयस अय्यर और हनुमा विहारी के साथ अनुचित नहीं है जिन्हें अच्छे प्रदर्शन के बावजूद बाहर बैठना पड़ रहा है।

अय्यर ने जहां न्यूजीलैंड के खिलाफ घरेलू श्रृंखला में पदार्पण टेस्ट में शतक और अर्धशतक जमाया वहीं विहारी ने जोहानिसबर्ग टेस्ट में नाबाद 40 रन बनाए। कोहली से पूछा गया था कि क्या इस पर चर्चा चल रही है कि बदलाव के दौर से किस तरह से निबटना है। कोहली ने कहा कि मैं पक्के तौर पर यह नहीं बता सकता कि हम बदलाव पर कब बात करेंगे। खेल स्वयं ही इस तरह से आगे बढ़ता है जिसमें बदलाव होता है। आप किसी खिलाड़ी पर इसे थोप नहीं सकते।'' वह अपने सीनियर साथियों के बचाव में आगे आए।

उन्होंने कहा कि यदि आप पिछले टेस्ट में ही देखो तो जिस तरह से रहाणे और पुजारा ने दूसरी पारी में बल्लेबाजी की, वह अनुभव हमारे लिये बेशकीमती है। विशेषकर इस तरह की श्रृंखला में जहां हम जानते हैं कि इन खिलाड़ियों ने पूर्व में अपनी भूमिका अच्छी तरह से निभायी है। इन खिलाड़ियों ने पिछली बार आस्ट्रेलिया में अच्छा प्रदर्शन किया था। पिछले टेस्ट में उन्होंने मुश्किल परिस्थितियों में महत्वपूर्ण पारियां खेली और इसका काफी महत्व है।

कप्तान ने कहा कि बदलाव को लेकर किसी खिलाड़ी के साथ बातचीत पेचीदा हो सकती है और इसे व्यवस्थित तरीके से होने देना चाहिए। मेरा मानना है कि बदलाव होता है और यह स्वाभाविक तौर पर होता है। मुझे लगता है कि बदलाव को लेकर बातचीत को थोपा नहीं जा सकता है। कोहली ने विकेटकीपर बल्लेबाज ऋषभ पंत के दूसरे टेस्ट की दूसरी पारी में गैर जिम्मेदाराना शॉट खेलकर आउट होने पर कहा कि गलती को स्वीकार करना सुधार का पहला संकेत होता है।