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जालन्धर (जसमीत सिंह) : सनराइजर्स हैदराबाद को आईपीएल-11 शुरू होनेे से पहले झटका जरूर लगा था क्योंकि उनके स्टार बल्लेबाज और कप्तान डेविड वार्नर बॉल टेंपरिंग में लगे बैन के कारण खेलने नहीं आ रहे थे। ऐसे में हैदराबाद टीम प्रबंधन ने न्यूजीलैंड के विश्वसनीय बल्लेबाज केन विलियम्सन पर भरोसा जताया। विलियम्सन ने अपने पर किए गए टीम प्रबंधन के भरोसे पर खरे उतरते हुए टीम को प्लेआफ में पहुंचा दिया है। इस दौरान विलियम्सन ने कई यादगार पारियां खेलीं। इसका सबसे बड़ा सबूत यह है कि वह 12 मैच खेलकर 7 फिफ्टी लगा चुके हैं, जोकि एक रिकॉर्ड है। उन्होंने इस रिकॉर्ड के साथ अपने ही टीम के डेविड वार्नर की बराबरी की। वार्नर ने 2015 के सीजन में सात फिफ्टी लगाई थीं।

एक सीजन में सबसे ज्यादा फिफ्टी लगाने का रिकॉर्ड भी डेविड वार्नर के नाम पर है। वार्नर ने 2016 में नौ पचासे बनाए थे। बता दें कि सीजन में सबसे ज्यादा रन बनाने के मामले में भी केन विलियम्सन ने बड़ी उपलब्धि हासिल कर ली है। अब वह 12 मैच में 544 रन बनाकर दिल्ली डेयरडेविल्स के ऋषभ पंत (12 मैच 582) के बाद दूसरे नंबर पर आ गए हैं।

विलियम्सन जब-जब लगाते हैं फिफ्टी, ज्यादातर जीतती है टीम
पहली : केकेआर के खिलाफ 50 रन (जीत)

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विलियम्सन ने सीजन की शुरुआत में कोलकाता नाइट राइडर्स के साथ मुकाबले में 50 रन बनाकर अपनी टीम को जीत दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा की थी। केकेआर ने पहले बैटिंग कर सिर्फ 138 रन बनाए थे। जिसे विलियम्सन ने शाकिब और साहा के साथ साझेदारी कर आसानी से पा लिया।

दूसरी : पंजाब के खिलाफ 54 रन (हार)
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किंग्स इलैवन पंजाब ने पहले खेलते हुए क्रिस गेल के शतक की बदौलत 193 रन बनाए थे। जवाब में हैदराबाद की शुरुआत खराब रही। साहा 6 तो धवन 0 पर चलते बने। ऐसे समय में विलियम्सन ने 54 रन की पारी खेलकर टीम को कुछ सहारा दिया। उन्होंने मनीष पांडे (57) के साथ मिलकर महत्वपूर्ण साझेदारी तो निभाई लेकिन यह उनकी टीम को जीत नहीं दिला पाई।

तीसरी : चेन्नई के खिलाफ बनाए 84 रन (हार)
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चेन्नई ने पहले खेलते हुए रैना 54 और रायडू 79 रनों की बदौलत 182 रन बनाए थे। जवाब में खेलने उतरी हैदराबाद की शुरुआत बेहद खराब रही। पांच ओवर में ही हैदराबाद ने तीन विकेट गंवा दिए थे। ऐसे में विलियम्सन (84) ने शाकिब (24) और पठान (45) के साथ कुछ साझेदारियां की लेकिन यह टीम को जीत दिलाने के लिए नाकाफी रहीं।

चौथी : राजस्थान के खिलाफ बनाए 63 रन (जीत)
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राजस्थान के खिलाफ हैदराबाद पहले बैटिंग के लिए आई थी। हेल्स (45) के साथ विलियम्सन (63) ने टीम को अच्छी शुरुआत दी। लेकिन मध्यक्रम के फेल होने के कारण हैदराबाद राजस्थान को केवल 152 का ही लक्ष्य दे पाया। लेकिन हैदराबाद ने बॉलिंग दौरान यह कसर भी पूरी कर दी। कसी गेंदबाजी ने राजस्थान को मात्र 140 रन पर ही रोक दिया।

पांचवीं : रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु के खिलाफ 56 रन (जीत)
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हैदराबाद ने पहले बल्लेबाजी की। एक बार फिर से ओपनिंग क्रम फेल रहा। हेल्स 5 तो धवन 13 रन ही बना सकी। ऐसे समय में विलियम्सन ने 56 तो शाकिब ने 35 रन बनाकर टीम का स्कोर 146 तक ले गए। यह मैच भी हैदराबाद ने अपने गेंदबाजों के दम पर महज पांच रन से जीत लिया।

छठी : दिल्ली के खिलाफ 83 रन (जीत)
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दिल्ली डेयरडेविल्स के साथ महत्वपूर्ण मुकाबले में हालांकि ऋषभ पंत के 128 की बदौलत दिल्ली ने 188 रनों का मजबूत लक्ष्य दिया लेकिन इसे फॉर्म में लौटे धवन के साथ विलियम्सन ने आसानी से प्राप्त कर लिया। हैदराबाद ने यह मैच नौ विकेट से जीता। शिखर धवन ने जहां 50 गेंद में 92 रन बनाए तो वहीं विलियम्सन ने 53 गेंद में आठ चौके और दो छक्के की मदद से 83 रन बनाकर अपनी टीम को मैच जितवा दिया।

सातवीं : चेन्नई सुपर किंग्स के खिलाफ 51 रन 
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चेन्नई सुपर किंग्स के खिलाफ पुणे के एमसीए स्टेडियम में खेले गए मैच दौरान भी विलियम्सन का बल्ला बोला। ओपनर हेल्स के दो रन प रआऊट होने के बाद विलियम्सन ने धवन के साथ शतकीय साझेदारी निभाई। यह विलियम्सन की सातवीं फिफ्टी है। ऐसा कर उन्होंने अपनी ही टीम के डेविड वार्नर की बराबरी कर ली। वार्नर ने 2015 के सीजन में सात फिफ्टी लगाई थीं।