लंदन (यूके) : पूर्व भारतीय कप्तान अनिल कुंबले ने रवींद्र जडेजा की बल्लेबाजी में निरंतरता और बढ़ती परिपक्वता की जमकर तारीफ की है। यह बात उन्होंने लॉर्ड्स टेस्ट मैच की पहली पारी में ऑलराउंडर द्वारा खेली गई एक और महत्वपूर्ण पारी के बाद कही। जडेजा ने धैर्य और संयम का परिचय देते हुए 72 रनों की पारी खेली, जिससे भारत ने 387 रनों का स्कोर खड़ा किया। वाशिंगटन सुंदर के साथ उनकी साझेदारी अहम साबित हुई, दोनों ने सातवें विकेट के लिए 50 रन जोड़कर भारत को 350 के पार पहुंचाया।
कुंबले ने जियोहॉटस्टार पर कहा, 'उनमें हमेशा से ही कौशल रहा है, यह बात हम लंबे समय से जानते हैं लेकिन भारत के लिए बल्ले से लगातार अच्छा प्रदर्शन करना असाधारण रहा है। रवींद्र जडेजा न केवल गेंद से बल्कि बल्ले और मैदान पर भी बहुत कुछ देते हैं। इस तरह का योगदान महत्वपूर्ण है।'
कुंबले ने बल्लेबाज के रूप में जडेजा की मजबूत नींव पर भी प्रकाश डाला और याद दिलाया कि इस बाएx हाथ के बल्लेबाज ने प्रथम श्रेणी क्रिकेट में दो तिहरे शतक लगाए हैं। उन्होंने आगे कहा, 'उनके पास तकनीक है, घरेलू क्रिकेट में दो तिहरे शतक लगाना कोई मामूली उपलब्धि नहीं है। जिस तरह से वह अपनी पारी को गढ़ते हैं, वह देखने में शानदार रहा है बिल्कुल एक आम बल्लेबाज की तरह।'
जडेजा तेजी से भारत के मध्यक्रम के सबसे भरोसेमंद बल्लेबाजों में से एक बन गए हैं। कुंबले ने कहा, 'उन्हें बल्लेबाजी क्रम में छठे नंबर पर अपडेट किया गया है और उन्होंने निश्चित रूप से इस भरोसे पर खरा उतरा है। पिछले मैच में उन्होंने उपयोगी योगदान दिया था और आज भी उन्होंने वाशिंगटन सुंदर के साथ शानदार साझेदारी की।'
अपने नए अर्धशतक के साथ जडेजा अब 266 रनों सहित श्रृंखला में सर्वाधिक रन बनाने वालों की सूची में छठे स्थान पर हैं। दूसरे टेस्ट में उनके दो अर्धशतक 89 और नाबाद 69 भारत की जीत में अहम भूमिका निभाने में सफल रहे और उनका यह नया प्रयास एक भरोसेमंद टेस्ट बल्लेबाज के रूप में उनकी बढ़ती प्रतिष्ठा में और इजाफा करता है।