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नई दिल्ली: भारतीय क्रिकेट के शीर्ष सितारे इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) में व्यस्त हैं, लेकिन मुख्य कोच राहुल द्रविड़ और उनकी टीम जून में होने वाले विश्व टेस्ट चैम्पियनशिप (डब्ल्यूटीसी) फाइनल की तैयारियों के लिए मंगलवार को राष्ट्रीय क्रिकेट अकादमी (एनसीए) में जुटेगी। भारतीय टीम ने लगातार दूसरी बार डब्ल्यूटीसी फाइनल में जगह पक्की की है। लंदन के द ओवल में सात से 11 जून तक खेले जाने वाले फाइनल में भारत के सामने ऑस्ट्रेलिया की चुनौती होगी। तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह, मध्य क्रम के बल्लेबाज श्रेयस अय्यर और विदेशी सरजमीं पर भारत की कुछ यादगार जीत के नायक रहे विकेटकीपर ऋषभ पंत जैसे सितारों की चोट ने टीम की परेशानी बढ़ा दी है। 

टीम को डब्ल्यूटीसी फाइनल से पहले इन खिलाड़ियों का विकल्प ढूंढना होगा। इस साल के आखिर में होने वाले एकदिवसीय विश्व को देखते हुए खिलाड़ियों के कार्यभार प्रबंधन पर भी ध्यान देना होगा। भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) के एक सूत्र ने गोपनीयता की शर्त पर ‘पीटीआई-भाषा' को बताया, ‘‘द्रविड़  बल्लेबाजी कोच विक्रम राठौर, गेंदबाजी कोच पारस म्हाम्ब्रे, क्षेत्ररक्षण कोच टी दिलीप और अन्य सहयोगी स्टाफ के साथ वीवीएस लक्ष्मण की अध्यक्षता वाली एनसीए टीम से मुलाकात करेंगे, जिसमें राष्ट्रीय टीम से संबंधित विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की जाएगी।'' 

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एनसीए प्रमुख के तौर पर लक्ष्मण बीसीसीआई के अनुबंधित चोटिल खिलाड़ियों के रिहैबिलिटेशन (चोट से उबरने की प्रक्रिया) के साथ ‘लक्षित' खिलाड़ियों (भारत, भारत ए) की प्रगति पर नज़र रखने के लिए भी जिम्मेदार हैं। वह इसके साथ ही उभरते हुए खिलाड़ियों (19 से 23 वर्ष के बीच) के प्रदर्शन पर भी नजर रखते हैं। इस बात की संभावना है कि द्रविड़ और लक्ष्मण दोनों अपनी-अपनी टीमों के साथ कार्यभार प्रबंधन और फाइनल की तैयारी के संबंध में योजनाओं पर विस्तार से चर्चा करेंगे। इस दौरान एनसीए में खेल विज्ञान के प्रमुख नितिन पटेल से खिलाड़ियों के बार-बार चोटिल होने को लेकर कड़े सवालों का सामना करना पड़ सकता है।  

अय्यर और दीपक चाहर  फिट घोषित होने के बाद बार-बार चोटिल होते रहे हैं। आईपीएल की ज्यादातर फ्रेंचाइजी टीमों ने पीटीआई से इस बात की पुष्टि की है कि तेज गेंदबाजों के कार्यभार प्रबंधन को लेकर बीसीसीआई की ओर से उन्हें कोई लिखित संदेश नहीं मिला है। डब्ल्यूटीसी फाइनल के लिए जिन पांच गेंदबाजों को टीम में जगह मिलना लगभग तय है उनमें मोहम्मद शमी , उमेश यादव , मोहम्मद सिराज, शारदुल ठाकुर और जयदेव उनादकट का नाम शामिल हैं। यह सभी गेंदबाज आईपीएल खेल रहे है। 

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एक पूर्व कोच, जो भारतीय टीम के सहायक सदस्य रह चुके है ने माना कि तेज गेंदबाजों को लेकर टीम को परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। उन्होंने कहा, ‘‘अगर सात जून को डब्ल्यूटीसी फाइनल की शुरुआत है, तो सभी भारतीय तेज गेंदबाजों को प्रति सप्ताह  कम से कम 200 गेंद (लगभग 33 ओवर) गेंदबाजी करने की आवश्यकता होती है। इस तरह आप अपने पैरों को अभ्यस्त करते हैं और ताकत बढ़ाते हैं।'' उन्होंने कहा, ‘‘ लेकिन आईपीएल में, मुख्य स्टार गेंदबाज शायद ही हर प्रशिक्षण सत्र के लिए आते हैं। आप ज्यादातर उन्हें खेल से एक दिन पहले आराम करते हुए देखेंगे, क्योंकि उससे एक दिन पहले यात्रा होती है।'' इस पूर्व कोच ने कहा, ‘‘ अधिक यात्रा करने के कारण चोट लगने की समस्या ज्यादा होती है। '' 

इंग्लैंड में भारतीय टीम को अभ्यास मैच की कमी से जूझना होगा। आईपीएल के प्लेऑफ से बाहर होने वाली टीमों के खिलाड़ी अगर दूसरे खिलाड़ियों से पहले इंग्लैंड पहुंच भी गये तो वे आपस में ही अभ्यास मैच खेल पायेंगे। बीसीसीआई अगर इंग्लैंड एवं वेल्स क्रिकेट बोर्ड को अभ्यास मैच के लिए मना भी लेता है तो इसके लिए उसे स्तरीय खिलाड़ी नहीं मिलेंगे क्योंकि काउंटी सत्र चल रहा है। अय्यर के चोटिल होने से हालांकि अजिंक्य रहाणे की राष्ट्रीय टीम में वापसी हो सकती है। रहाणे ने घरेलू सत्र में 600 से अधिक रन बनाये हैं और मध्यक्रम में टीम को इंग्लैंड की परिस्थितियों के लिए 82 टेस्ट के इस अनुभवी खिलाड़ी से बेहतर विकल्प शायद ही मिले। कोणा भरत बल्ले से और विकेट के पीछे प्रभावित करने में विफल रहे जिससे लोकेश राहुल को विकेटकीपिंग की जिम्मेदारी दी जा सकती है। ऐसे में वह मध्यक्रम में बल्लेबाजी करेंगे।