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नई दिल्ली : खेल मंत्रालय ने शुक्रवार को कहा कि वह तोक्यो ओलंपिक में अपने अधिकारियों के दल को नहीं भेजेगा क्योंकि वह खेलों में भाग लेने वाले खिलाड़ियों के लिये ज्यादा से ज्यादा सहयोगी स्टाफ को साथ भेजना चाहता है जिसमें कोच और फिजियो शामिल हैं। अभी तक कुल 100 खिलाड़ियों ने स्थगित हुए तोक्यो ओलंपिक के लिए क्वालीफाई कर लिया है और 25 से 35 खिलाड़ियों के और क्वालीफाई करने की उम्मीद है। 

मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ‘मंत्रालय ने खिलाड़ियों के प्रदर्शन को सुधारने के लिए अधिकतम अतिरिक्त सहयोगी स्टाफ जैसे कोच, डॉक्टर, फिजियोथेरेपिस्ट भेजने का फैसला किया है।’ इसके अनुसार, ‘खिलाड़ियों, कोचों और सहयोगी स्टाफ के अलावा किसी अन्य व्यक्ति की यात्रा को तभी मंजूरी दी जाएगी जब कोई प्रोटोकॉल आवश्यकता होगी। इस इंतजाम के तहत मंत्रालय ने किसी भी दल को तोक्यो ओलंपिक नहीं भेजने का फैसला किया है।’ 

नियमों के अनुसार ओलंपिक के लिए जाने वाले अधिकारियों की संख्या खिलाड़ियों के दल की एक तिहाई संख्या से ज्यादा नहीं हो सकती। कोविड-19 महामारी के कारण पेश आ रही चुनौतियों को देखते हुए जापान सरकार ने भी अपने मंत्रियों के स्टाफ दलों की संख्या सीमित कर दी है। भारतीय खिलाड़ियों के ‘लाजिस्टिक’ सहयोग के लिए मंत्रालय ने भी तोक्यो में भारतीय दूतावास में ओलंपिक मिशन इकाई बनाने का फैसला किया है। 

तोक्यो ओलंपिक के लिये भारतीय दल के 190 के करीब होने की उम्मीद है जिसमें 100 से ज्यादा खिलाड़ी शामिल होंगे। भारत के खिलाड़ियों ने अभी तक 12 खेलों - बैडमिंटन, मुक्केबाजी, हॉकी, कुश्ती, नौकायन, एथलेटिक्स, तीरंदाजी, घुड़सवारी, तलवारबाजी, रोइंग, निशानेबाजी और टेबल टेनिस - में तोक्यो ओलंपिक के लिये क्वालीफाई किया है।