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नई दिल्ली : महाराष्ट्र की धाविका ऐश्वर्या मिश्रा पिछले महीने फेडरेशन कप राष्ट्रीय चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीतने के बाद डोप परीक्षण एजेंसियों को गच्चा देकर ‘गायब' हो गई और अधिकारियों को अब भी उनके ठिकाने की तलाश है। ऐश्वर्या ने अब तक कोई अंतरराष्ट्रीय पदक नहीं जीता है लेकिन उन्होंने दो से छह अप्रैल के बीच कोझीकोड में फेडरेशन कप में महिलाओं की 400 मीटर दौड़ में 51.18 सेकेंड का समय लेकर स्वर्ण पदक जीता था। इस दौरान वह इस दौड़ में तीसरा सबसे तेज समय निकालने वाली धाविका भी बनी। इस शानदार प्रदर्शन के कारण ऐश्वर्या ने जुलाई में अमेरिका में होने वाली विश्व चैंपियनशिप में जगह बनाई थी। भारतीय एथलीटों में उनसे बेहतर समय केवल हिमा दास (50.79) और मंजीत कौर (51.05) ही निकाल पाई हैं।

लेकिन इसके बाद से राष्ट्रीय डोपिंग रोधी एजेंसी (नाडा) और यहां तक ​​कि विश्व एथलेटिक्स का स्वतंत्र निकाय ‘एथलेटिक्स इंटीग्रिटी यूनिट' (एआईयू) के डोप परीक्षक ऐश्वर्या का नमूना लेने के लिये उनकी तलाश कर रहे हैं लेकिन वे उनके ठिकाने का पता नहीं लगा पाये हैं। फेडरेशन कप में उनके प्रभावशाली प्रदर्शन को देखते हुए भारतीय एथलेटिक्स महासंघ (एएफआई) ने उन्हें 400 मीटर दौड़ के लिए उस भारतीय टीम में शामिल किया था, जिन्हें राष्ट्रमंडल खेलों सहित आगामी प्रमुख प्रतियोगिताओं की तैयारी के लिये तुर्की में अभ्यास करना था, लेकिन वह इसमें भी शामिल नहीं हुई। 

राष्ट्रीय शिविर से जुड़े एक सूत्र ने गोपनीयता की शर्त पर कहा कि वह एआईयू और नाडा के डोप परीक्षण से बच रही है और एएफआई उसका पता नहीं लगा पा रहा है। किसी को नहीं पता कि वह अभी कहां है। फेडरेशन कप में स्वर्ण पदक जीतने के बाद वह गायब हो गई है। फेडरेशन कप में उसके प्रदर्शन को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता था, इसलिए एएफआई ने उसे तुर्की में अभ्यास शिविर में भाग लेने वाली टीम में शामिल किया था।

एएफआई के पास ऐश्वर्या का जो मोबाइल नंबर है, उस पर फोन करने पर ‘गलत नंबर' के संदेश आए। एएफआई और उसकी महाराष्ट्र इकाई ने ऐश्वर्या के पूर्व और वर्तमान कोच के जरिये उसके ठिकाने का पता लगाने का प्रयास किया ताकि उसे राष्ट्रीय शिविर में शामिल होने के लिये मनाया जा सके लेकिन इसका भी कोई फायदा नहीं हुआ। ऐश्वर्या पहली बार अक्टूबर 2019 में मुंबई विश्वविद्यालय की अंतर कॉलेज एथलेटिक्स प्रतियोगिता के दौरान सुर्खियों में आयी थी क्योंकि तब उन्होंने 400 मीटर दौड़ में 52.40 सेकेंड का समय निकाला था। इसके तुरंत बाद उन्हें राष्ट्रीय शिविर में शामिल कर दिया गया था। 

उस वर्ष भी उन्हें तुर्की में अभ्यास शिविर के लिए चुना गया था। उस समय उनके प्रदर्शन को कुछ लोगों ने शक की निगाह से देखा था लेकिन 2020 में खराब प्रदर्शन के बाद उन्हें राष्ट्रीय शिविर के लिये नहीं चुना गया। उन्होंने 2021 में राष्ट्रीय अंतरराज्यीय चैंपियनशिप में महाराष्ट्र के लिये 400 मीटर में रजत पदक जीता था। उन्होंने पिछले महीने फेडरेशन कप में 200 मीटर में भी रजत पदक हासिल किया था। सूत्र ने कहा कि अभ्यास शिविर के दौरान 52 सेकेंड क्या वह 54 सेकेंड का समय नहीं निकाल पा रही थी। कोविड-19 लॉकडाउन के बाद उन्हें राष्ट्रीय शिविर से बाहर कर दिया गया था।

एएफआई के अध्यक्ष आदिले सुमरिवाला ने कहा कि वह राष्ट्रीय शिविर का हिस्सा नहीं है इसलिए महासंघ इस तरह के मामले में ज्यादा कुछ नहीं कर सकता। सुमरिवाला ने कहा कि वह शिविर में नहीं है और ऐसे में हम ज्यादा कुछ नहीं कर सकते। इसलिए एएफआई इसमें (ऐश्वर्या का डोप परीक्षण) शामिल नहीं है। उसे तुर्की में अभ्यास शिविर के लिये चुना गया था लेकिन वह नहीं आयी इसलिए हम यह पता लगाने का प्रयास कर रहे हैं कि वह अभी कहां है। हम उसे राष्ट्रीय शिविर में शामिल होने के लिये मनाना चाहते हैं। 

महाराष्ट्र एथलेटिक्स संघ के सचिव सतीश उचिल ने कहा कि उनके संगठन को भी ऐश्वर्या के ठिकाने के बारे पता नहीं है। उन्होंने कहा कि वह पहले कांदिवली (मुंबई उपनगर) में साई (भारतीय खेल प्राधिकरण) प्रशिक्षण केंद्र में अभ्यास कर रही थी। मैंने वहां उसके स्थानीय कोच से संपर्क किया लेकिन उन्हें भी उसके वर्तमान ठिकाने का पता नहीं है। ऐश्वर्या हरियाणा में जिस व्यक्ति से कोचिंग ले रही थी उसने भी एएफआई को बताया कि वह अप्रैल के शुरू से इस एथलीट के संपर्क में नहीं है। यह भी पता चला है कि यह व्यक्ति पूर्व एथलीट है और डोपिंग में पकड़े जाने पर उस पर 2016 में नाडा ने आठ साल का प्रतिबंध लगाया था।