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नई दिल्ली : पिछले 12 महीने में तीन बार अपना ठिकाना (वेयरअबाउट) नहीं बताने के कारण विश्व चैम्पियनशिप कांस्य पदक विजेता मुक्केबाज परवीन हुड्डा को विश्व डोपिंग निरोधक एजेंसी (वाडा) ने निलंबित कर दिया है जिससे वह पेरिस ओलंपिक का कोटा भी गंवा सकती है। पिछले साल एशियाई खेलों में महिलाओं के 57 किलोवर्ग में ओलंपिक कोटा हासिल करने वाली परवीन ने अप्रैल 2022 से मार्च 2023 के बीच अपने ठिकाने की जानकारी नहीं दी है जो वाडा नियमों के तहत अनिवार्य है। 

परवीन के कोच सुधीर हुड्डा ने कहा, ‘उस पर वाडा ने डेढ साल का प्रतिबंध लगाया है जो इस महीने से शुरू होगा और नवंबर 2025 तक चलेगा।' रजिस्टर्ड टेस्टिंग पूल (आरटीपी) में शामिल खिलाड़ियों को रात रूकने पर अपना पूरा पता, नाम और हर ठिकाने का पूरा पता देना होता है जहां वे अभ्यास करते हैं, काम करते हैं या अन्य नियमित गतिविधियों में शामिल होते हैं। इसके अलावा उन्हें 60 मिनट का विंडो और स्थान की जानकारी देनी होती है जहां वे टेस्ट के लिये उपलब्ध होंगे। 

ऐसा नहीं करने को वाडा के ठिकाने के प्रावधान का उल्लंघन माना जाएगा। बारह महीने में तीन बार ऐसा करने में नाकाम रहने को डोपिंग नियम का उल्लंघन माना जाता है और दो साल तक का निलंबन हो सकता है जिसे घटाकर एक साल तक किया जा सकता है। परवीन के वकील विदुष्पत सिंघानिया ने कहा कि वे अंतरराष्ट्रीय टेस्टिंग एजेंसी के संपर्क में हैं और निलंबन हटवाने या कम करने का प्रयास कर रहे हैं। 

निलंबन की अवधि कम भी होने पर परवीन इस साल जुलाई अगस्त में पेरिस ओलंपिक नहीं खेल सकेगी। भारत के लिए सिर्फ चार मुक्केबाजों निकहत जरीन (50 किलो), प्रीति (54 किलो), परवीन (57 किलो) और लवलीना बोरगोहेन (75 किलो) ने कोटा हासिल किया है। आखिरी ओलंपिक क्वालीफायर 24 मई से बैंकॉक में है।