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नई दिल्ली : भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) के अध्यक्ष नरिंदर बत्रा ने मंगलवार को कहा कि ‘लैंगिक समानता’ सुनिश्चित करने के लिए भारत आगामी तोक्यो ओलंपिक में पहली बार दो ध्वजवाहक के साथ उतर सकता है जिसमें एक पुरुष और एक महिला होगी। बत्रा ने कहा कि इनके नामों का खुलासा ‘जल्द’ ही किया जाएगा। बत्रा ने कहा कि अब तक इस पर फैसला नहीं किया गया है। यह मामला अब भी सलाह मशविरे के चरण पर है लेकिन संभावना है कि इस साल लैंगिक समानता के लिए दो ध्वजवाहक- एक पुरुष और एक महिला होंगे।

देश के एकमात्र ओलंपिक व्यक्तिगत स्वर्ण पदक विजेता अभिनव बिंद्रा 2016 रियो ओलंपिक के उद्घाटन समारोह में ध्वजवाहक थे। टोक्यो खेलों का उद्घाटन समारोह 23 जुलाई को होगा और कोविड-19 महामारी के कारण एक साल के लिए स्थगित किए गए इन दोनों में भारत के 100 से अधिक खिलाड़ी पदक के लिए चुनौती पेश करेंगे। अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति (आईओसी) ने पिछले साल अपने कार्यकारी बोर्ड की बैठक में उद्घाटन समारोह के दौरान दोनों लिंग के ध्वजवाहकों का प्रावधान किया था।

आईओसी प्रमुख थॉमस बाक ने कहा था कि आईओसी के कार्यकारी बोर्ड ने फैसला किया है कि पहली बार ओलंपिक खेलों में हिस्सा ले रही सभी 206 टीमों और आईओसी शरणार्थी ओलंपिक टीम में कम से कम एक पुरुष और एक महिला खिलाड़ी होगी। उन्होंने कहा कि इसके अतिरिक्त अपने नियमों में बदलाव किया है जिससे कि राष्ट्रीय ओलंपिक समितियां एक पुरुष और महिला खिलाड़ी को नामित कर सकें जो उद्घाटन समारोह के दौरान संयुक्त रूप से उनके ध्वजवाहक बनें। हम सभी राष्ट्रीय ओलंपिक समिति को प्रेरित करेंगे कि वे इस विकल्प का इस्तेमाल करें। ग्रेट ब्रिटेन पहले ही घोषणा कर चुका है कि वह ओलंपिक में दो ध्वजवाहक के साथ उतरेगा।