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नई दिल्ली : पाकिस्तान के पूर्व तेज गेंदबाज शोएब अख्तर ने एशिया कप 2025 में भारत के हाथों मिली हार के बाद सलमान आगा की कप्तानी की कड़ी आलोचना की है। अख्तर ने कहा कि आगा टीम के कप्तान बनने के लायक नहीं हैं। 50 वर्षीय अख्तर ने पाकिस्तान के प्रदर्शन का विश्लेषण किया और कप्तान आगा और कोच माइक हेसन की गलतियों के लिए उन्हें जिम्मेदार ठहराया। उनका मानना ​​है कि बीच के ओवरों में शिवम दुबे का शानदार स्पैल पाकिस्तान की बल्लेबाजी पारी का टर्निंग पॉइंट था। 

अख्तर ने कहा, 'मैं कोच (माइक हेसन) से बहुत हैरान हूं। जहां तक कप्तान की बात है, तो उसे वैसे भी कुछ पता नहीं है (उसे कुछ पता नहीं है), वह क्या कप्तानी कर रहा है और क्या मध्यक्रम में खेल रहा है? वह टीम की सबसे कमजोर कड़ी है। क्या वह जिस स्थान पर खेल रहा है, वहां खेलने का हकदार है? इस पर कोई चर्चा नहीं करेगा। वह मध्यक्रम की सबसे कमजोर कड़ी है।' अख्तर ने कहा, 'वह क्या करता है? मुझे बताओ? वह छठे नंबर पर आता है और भारत के लिए आपके पास हार्दिक पांड्या या तिलक हैं। अब तुलना करो (करो तुलना)। अच्छा लड़का है, मुझे कोई आपत्ति नहीं है, तो कप्तान भी मुझे कोई आपत्ति नहीं है, लेकिन एक प्रतिभा के रूप में वह क्या करता है?'  

उन्होंने कहा, 'सबसे पहले, टीम का चयन गलत था। 10 ओवर में 91 रन बनाने के बाद, वे 15वें ओवर तक 140 रन बनाकर 200 रन तक पहुंच सकते थे। आज पिच बहुत अच्छी थी। काश उस समय कोई स्थापित खिलाड़ी खेल रहा होता। हुसैन तलत आए और धीमे हो गए। फिर मोहम्मद नवाज ने 19 गेंदें खेलीं और रन आउट हो गए। दूसरी बात अगर आपको सैम अयूब से पावरप्ले में गेंदबाजी करवानी थी, उनसे तीन ओवर करवाने थे, तो आप ज्यादा तेज गेंदबाज चुन सकते थे। वे क्या सोच रहे हैं? टीम चयन की प्रक्रिया क्या है - बस मैं यही जानना चाहता हूं। मैं और कुछ नहीं सुनना चाहता। काश कोई मुझे फोन करके बता सके कि हमने टीम नहीं चुनी।' 

अख्तर ने आगे कहा, 'हसन नवाज को न खिलाना गलत फैसला था, वो आपके लिए मैच जिता सकते हैं। या मोहम्मद वसीम जूनियर, एक और खिलाड़ी जो जीत दिला सकता है। आज इस मैच में नई गेंद से अगर हसन अली लेंथ पर गेंद डालते, तो मैं देखता कि अभिषेक कैसे हिट करते। कम से कम उन्हें (अभिषेक को) तो परख लो ना। आप दो शॉर्ट, दो फुल नहीं फेंक सकते, ऐसा तो नहीं होता ना यार। कप्तान टीम में अपनी जगह को सही नहीं ठहराता और कोच के साथ मिलकर चयन के मामले में गलत फैसले लेता है। सारा दोष प्रबंधन पर जाता है।'