रायपुर : सलामी बल्लेबाज रूतुराज गायकवाड़ ने कहा कि आक्रामक और निर्भीक रवैये की बदौलत भारतीय टीम आस्ट्रेलिया के खिलाफ 5 मैचों की टी20 अंतरराष्ट्रीय श्रृंखला में जीत दर्ज करने में सफल रही। उन्होंने साथ ही उम्मीद जताई कि वनडे विश्व कप फाइनल (World Cup final) में मिली निराशाजनक हार के बाद खेल प्रेमियों के लिए यह खुशी का मौका होगा। भारत ने शुक्रवार को चौथे टी20 अंतरराष्ट्रीय मैच में आस्ट्रेलिया को 20 रन से हराकर 5 मैचों की श्रृंखला में 3-1 की अजेय बढ़त हासिल कर ली। भारत ने नौ विकेट पर 174 रन का स्कोर बनाया था जिसमें गायकवाड़ ने 28 गेंद में 32 रन की पारी खेली।
गायकवाड़ ने कहा कि मुझे लगता है कि हम सभी के लिए खुद को अभिव्यक्त करना और खेल का लुत्फ उठाना महत्वपूर्ण था। प्रत्येक खिलाड़ी ने प्रत्येक चरण में अपनी जिम्मेदारी निभाई। इसलिए हम नतीजे से खुश हैं लेकिन अभी एक मैच और बचा है। विश्व कप की निराशा के बाद क्या चर्चा हुई, इस बारे में पूछने पर गायकवाड़ ने कहा कि चर्चा का लब्बोलुवाब यही था कि बस निर्भीक और आक्रामक खेलो। विश्व कप टीम के 2-3 सदस्य हमारे साथ थे। उन्होंने कहा कि टीम में सकारात्मक माहौल था क्योंकि हम घरेलू टूर्नामेंट खेलकर आ रहे हैं और हर खिलाड़ी ने इसमें अच्छा प्रदर्शन किया था। हर खिलाड़ी आत्मविश्वास से भरा था।
गायकवाड़ ने यह भी कहा कि उन्होंने इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) में चेन्नई सुपरकिंग्स (सीएसके) के साथ खेलते हुए महान क्रिकेटर महेंद्र सिंह धोनी के नेतृत्व में टी20 क्रिकेट की बारीकियां सीखीं। उन्होंने कहा कि मैंने सीएसके के लिए खेलते हुए इस प्रारूप के बारे में काफी कुछ सीखा। माही भाई (एमएस धोनी) हमेशा हालात पढ़ने और खेल को समझने के लिए तत्पर रहते हैं।
गायकवाड़ ने कहा कि उनका संदेश होता था कि आप टीम का स्कोर देखकर तय करो कि टीम की जरूरत क्या है, भले ही मैच की परिस्थितियां किसी भी तरह की हों। उन्होंने कहा कि टी20 में आपको मानसिक रूप से खेल में हमेशा आगे रहना होता है और मैं इसे काफी अहमियत देता हूं। मैच से पहले मैंने सोचा कि मैच के दौरान किस तरह के हालात हो सकते हैं और पिच कैसे बर्ताव कर सकती है। गायकवाड़ ने कहा कि माही भाई हमेशा जोर देते हैं कि हमें मैच के दौरान मन को ज्यादा भटकाना नहीं चाहिए क्योंकि एक सलामी बल्लेबाज के लिए टी20 मैच में भी खेलने के लिए काफी समय होता है।
गायकवाड़ ने यशस्वी जायसवाल के साथ दूसरे और चौथे टी20 अंतरराष्ट्रीय मैच में क्रमश: 77 और 50 रन की साझेदारी निभाई। उन्होंने कहा कि पहले मैच के बाद हमने फैसला किया कि हम जोखिम भरे एक 2 रन नहीं लेंगे। हम सिर्फ बाउंड्री पर ही ध्यान लगाएंगे। उन्होंने कहा कि वह (जायसवाल) ऐसा खिलाड़ी है जो चाहे किसी भी तरह के हालात हों, आक्रामक बल्लेबाजी करना चाहता है। हमारे बीच चर्चा यही होती कि पिच मुफीद है तो हम सकारात्मक बल्लेबाजी करेंगे। लेकिन ध्यान पहले दो ओवर में थोड़ा सतर्क रहने पर होता है।